वैशाली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो राहगीरों और यात्रियों को झांसा देकर उनके साथ लूटपाट करता था. इस गिरोह के पीछे वैशाली पुलिस चार महीने से पड़ी हुई थी. आखिरकार खुद की गलती से गिरोह का मास्टरमाइंड पुलिस गिरफ्त में आ गया. उसने हाजीपुर सदर थाना और काजीपुर थाना क्षेत्र में हुई लूट में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है.
लोगों को लूटता था रामप्रवेश राम
इस बारे में सदर एसडीपीओ सुबोध कुमार ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर महीने में दो लूट की वारदात हुई थी, जिसमें अपराधियों ने दो राहगीरों को मदद करने का झांसा देकर अपना शिकार बनाया था, लेकिन इस गिरोह के मास्टरमाइंड रामप्रवेश राम की एक गलती ने पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर दिया.
एक गलती से चढ़ गया पुलिस के हत्थे
दरअसल, लूट के दौरान पीड़ित व्यक्ति ने रामप्रवेश राम से गुहार लगाई थी कि उसका मोबाईल बंद है. लिहाजा, वह अपने मोबाईल से घर बात करवा दे. दरियादिली का परिचय देते हुए रामप्रवेश ने अपने मोबाईल से पीड़ित व्यक्ति को उसके घर बात करवा दिया. बस इसी एक गलती से पुलिस आखिरकार रामप्रवेश राम तक पुलिस पहुंची और उसे स्मैक के साथ गिरफ्तार कर लिया.
मास्टरमाइंड रामप्रवेश की गिरफ्तारी हो गई
एसडीपीओ ने बताया कि रामप्रवेश मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में 6 साल जेल में रह चुका है और जेल से आने के बाद उसने इस गिरोह को बनाया और लोगों को लूटने लगा. उन्होंने बताया कि इस गिरोह में कुल तीन लोग हैं, जिसमें से मास्टरमाइंड रामप्रवेश की गिरफ्तारी हो गई है. जबकि, बाकी दो अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
