कृषि आकस्मिकता योजना, झारखंउ राज्य
फसल राहत योजना, प्रधानमंत्री किसान
सम्मान निधि योजना, झारखंड कृषि
ऋण माफी योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड
को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
आज दिनांक 01 अगस्त 2022 को उपायुक्त रांची श्री राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में कृषि आकस्मिकता योजना, झारखंउ राज्य फसल राहत योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, झारखंड कृषि ऋण माफी योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
समाहरणालय ब्लॉक ए स्थित उपायुक्त सभागार में आयोजित बैठक में अपर समाहर्त्ता रांची, परियोजना निदेशक आत्मा सह जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी, सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र, बीटीएम, एटीएम एवं सीएससी मैनेजर उपस्थित थे।
निबंधन के लिए कैंप लगाने का निदेश
झारखंड राज्य फसल राहत योजना के अंतर्गत जिला के किसानों के निबंधन की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कैंप लगाकर किसानों का रजिस्ट्रेशन करवाने का निर्देश दिये। जिला सहकारिता पदाधिकारी को इस संबंध में सीएससी मैनेजर से समन्वय स्थापित कर कैंप शेड्यूल तैयार करने का निर्देश उपायुक्त द्वारा दिया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि सीएससी मैनेजर अपने स्तर से भी किसानों का रजिस्ट्रेशन कराएं।
सभी पंचायतों में गोष्ठी का आयोजन का निर्देश
उपायुक्त श्री राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि किसानों को योजना के संबंध में जानकारी देने हेतु सभी पंचायतों में गोष्ठी का आयोजन करें। उन्होंने कहा कि जिला में कम वर्षापात को देखते हुए गोष्ठी में किसानों का मोबेलाइजेशन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी पंचायतों में गोष्ठी के आयोजन को गंभीरता से लें। जो किसान गोष्ठी में शामिल हो रहे हैं, उन्हें वहीं से सीएससी ले जाकर योजना के लिए निबंधित कराएं।
उपायुक्त ने कहा कि सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी का दायित्व है कि वह पीएम किसान योजना के लाभुकों को प्रज्ञा केंद्र तक लेकर आयें। उपायुक्त ने कहा कि योजना के तहत किसानों के ज्यादा से ज्यादा निबंधन के लिए सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, एटीएम, बीटीएम, सीएससी मैनेजर, पंचायत सेवक, रोजगार सेवक इत्यादि के बीच सामंजस्य अति आवश्यक है।
झारखंड राज्य फसल राहत योजना के प्रमुख प्रावधान
-योजना अंतर्गत लाभ केवल प्राकृतिक आपदा से होने वाले फसल क्षति के मामले में लागू।
-योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक फसल मौसम (खरीफ एवं रबी) में अलग-अलग निबंधन एवं आवेदन करना होगा।
-योजना में भाग लेने के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।
-प्राकृतिक आपदा से हुए फसल क्षति का आकलन एवं निर्धारण क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के द्वारा किया जाएगा।
-30-50 प्रतिशत तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 3000 रूपये की सहायता राशि दी जाएगी।
-50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 4000 रूपये की सहायता राशि दी जाएगी।
-अधिकतम 5 एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जाएगी।
योजना के अंतर्गत आवेदन करने की पात्रता
-सभी रैयत एवं बटाईदार किसान।
-किसान झारखंड राज्य के निवासी हों।
-आवेदक किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
-आवेदक किसान का वैध आधार संख्या होना चाहिए।
-कृषि कार्य करने से संबंधित वैध भूमि दस्तावेज/भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व -रसीद/राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती/पट्टा बटाईदार किसानों द्वारा भूस्वामी से सहमति पत्र)
-न्यूनतम 10 डिसमिल और अधिकतम 5 एकड़ हेतु निबंधन।
-सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक
-आवेदक किसानों को अपना संख्या बायोमेट्रिक प्रणाली द्वारा प्रमाणित करना होगा।
योजना में शामिल होने की प्रक्रिया
-http://jrfry.jharkhand.gov.in
पर स्वयं या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से पंजीकरण कराया जा सकता है।
ऑनलाइन पंजीकरण एवं आवेदन के लिए आवश्यक सूचना एवं दस्तावेज
-आधार संख्या
-मोबाइल संख्या
-आधार संबंध बैंक खाता विवरण
-आयतन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद( 31 मार्च 2022 तक भुगतान किया हुआ)
-वंशावली (मुखिया /ग्राम प्रधान/ राजस्व कर्मचारी /अंचल अधिकारी द्वारा निर्गत)
-सरकारी भूमि पर खेती करने हेतु राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती पट्टा (बटाईदार किसान द्वारा)
-घोषणा पत्र (रैयत और बटाईदार किसान द्वारा)
-सहमति पत्र (बटाईदार किसान द्वारा)
-पंजीकृत किसानों के चयनित फसल एवं बुवाई के रखवा का पूर्ण विवरण।
कृषि ऋण माफी की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने बचे हुए किसानों का ई-केवाईसी करवाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने ने उर्वरक की कालाबाजारी और निर्धारित मूल्य से ज्यादा की बिक्री पर रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार छापेमारी करने के निदेश दिये।