मुंडन संस्कार में शामिल
दो युवक गंगा में डूबे
बलिया(राम आसरे)। शहर कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत गंगा नदी के मुक्तिधाम घाट पर बुधवार को मुंडन संस्कार में शामिल एक युवक नहाते समय डूब गया। इससे गंगा घाट पर अफरा-तफरी मच गयी। सूचना पर पहुंची पुलिस स्थानीय गोताखोरों के माध्यम से डूबे युवक की तलाश में जुटी है। बांसडीह रोड थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत पुरास के पुरवा वरूणा निवासी मनोज के बेटे का मुंडन संस्कार बुधवार को था। इसमे शामिल होने के लिए गांव के लोग गये थे। शिवरामपुर घाट पर मुंडन संस्कार की रश्में चल रही थी। इसी बीच, गंगा नदी में नहाते वक्त गणेश विन्द (42) गहरे पानी की वजह से डूबने लगा। साथ के लोगों ने बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
दूसरी घटना शिवरामपुर गंगा घाट की है। बुधवार को मुंडन संस्कार में आए एक युवक की गंगा में स्नान करने के दौरान डूबने की आशंका जताई जा रही है। अखार के बैजनाथ छपरा निवासी गोलू भारती (24) पुत्र इंद्रजीत भारती नगवा निवासी अपने मामा कृष्णा राम के लड़के के मुंडन में शिवरामपुर घाट पर गया था। अचानक नहाते वक्त गहरे खाई में चला गया और बाहर नहीं निकला। वहां उपस्थित लोगों ने काफी खोजबीन किया, फिर घटना के बावत उसके परिजनों को जानकारी दी। परिजन भी घाट पर पहुंचकर काफी खोजबीन किए, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला। बताया जाता है की गोलू की शादी अगले माह 15 जून को तय थी।
मुंडन संस्कार का लग्न बुधवार को बड़ा तगड़ा था। जिले के लगभग सभी गंगा घाटों पर भारी भीड़ रही। उधर, पचरूखिया से रामगढ़ तक एनएच 31 पर जाम की स्थिति सुबह से दोपहर तक बनी रही। इस वजह से लोगों का दैनिक जीवन रेंगता रहा। भीड़ इतनी थी कि लोग अपने साथ के लोगों को ढूंढते नजर आ रहे थे। सड़क किनारे वाहनों की कतार जाम का झाम और बढ़ा रही थी।
पहले मुंडन संस्कार पूजा की श्रेणी में हुआ करता था। घर की महिलाएं शुभ मुहुर्त पर मांगलिक गीत गाते हुए गंगा तट पर पहुंचकर पूजन-अर्चन करती थी। प्रसाद स्वरूप पुड़ी, चना और गुड़ बांटा जाता था। लेकिन बदलते वक्त के साथ मुंडन संस्कार का कार्यक्रम सिम्बल स्टेटस बन चुका है। गंगा मईया की पूजा तो हो रही है, पर घाट पर ही भोज व्यवस्था शुरू है। वाहनों का लम्बा काफिला ही नहीं, बैंड बाजा व नाच-गाना कराना स्टेटस समझा जाने लगा है।