रांची: झारखंड में बिजली की दरों में 6.50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है. झारखंड इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने नई दरों का ऐलान किया है. राज्य में तीन साल बाद नया टैरिफ लाया गया है. उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट पांच से 15 पैसे तक अधिक देने होंगे. झारखंड बिजली वितरण निगम ने कमीशन को जो टैरिफ पिटीशन सौंपा था, इसमें घाटे का जिक्र करते हुए प्रति यूनिट 25 से लेकर 75 पैसे तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था. जिसके बाद नई दर लागू कर दी गयी है. वहीं इस मामले को लेकर सियासी बयानबाजी भी तेज हो चुकी है.
बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब से कांग्रेस जेएमएम की सरकार बनी है तब से बिजली व्यवस्था पूरी तरीके से गड़बड़ा गई है. रघुवर दास के शासन में 24 घंटे बिजली होती थी यह सरकार जब से बनी है बिजली में कुछ भी विकास नहीं हुआ है. किसी तरह राम भरोसे बिजली की व्यवस्था है. पहले व्यवस्था दुरुस्त करते फिर बढ़ोतरी करते. सुनने में 5 पैसा बड़ा कम लगता है लेकिन कैलकुलेशन निकालने पर आर्थिक बोझ पता चलेगा.
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह वृद्धि बहुत कम है उनके जमाने का जो बढ़ोतरी है वह किसी से छुपी नहीं. बढ़ोतरी करके सब्सिडी दी जाती थी यही तो बीजेपी का खेल है. आज हमें ज्ञान दे रहे हैं. बीजेपी को यही बात समझ नहीं आती है बिजली का पैसा अगर समय पर देंगे तो रियायत का भी प्रावधान है.
इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री ने भारतीय जनता पार्टी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जिनके शासन में राज्य ब्लैक आउट हुआ करता था वह हमें नसीहत दे रहे हैं. जबकि उन्हें मालूम नहीं कि आज अगर वह 100 यूनिट बिजली भी इस्तेमाल करते हैं तो उनको पैसा नहीं देना पड़ता और यह व्यवस्था झारखंड वासियों के लिए लागू है. हम दरें बढ़ा रहे हैं क्योंकि यह टैरिफ है लेकिन रियायत दे रहे हैं क्योंकि सरकार अपना काम जानती है.