Ranchi: झारखंड में गुमला में गुरुवार को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन का दो लाख का इनामी राजेश उरांव मारा गया है. राजेश लंबे समय से वांटेड था. नक्सली संगठन में उसका ओहदा सब जोनल कमांडर था. उसपर झारखंड के गुमला, लोहरदगा, लातेहार सहित कई जिलों में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं.
जानें क्या है पूरा मामला
राजेश उरांव गुमला जिले के घाघरा थाना अंतर्गत तुंजो गांव का रहने वाला था. बताया गया कि पुलिस को राजेश उरांव के हथियारबंद दस्ते के गुमला थाना अंतर्गत आंजन और मरवा जंगल में होने की सूचना मिली थी. पुलिस की टीम दस्ते की तलाश में निकली थी. जंगल में पुलिस को देखते ही नक्सलियों का दस्ता गोलीबारी करने लगा. जवाब में पुलिस ने भी मोर्चा लेकर फायरिंग की, जिसमें राजेश उरांव मारा गया. उसके साथी भागने में सफल रहे. हालांकि पुलिस अब भी जंगल में सर्च ऑपरेशन में जुटी है.झारखंड पुलिस के साथ-साथ एनआईए भी राजेश उरांव की तलाश कर रही थी. राजेश उरांव के खिलाफ लातेहार जिले के चंदवा में चार वर्ष पूर्व चार पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में एनआईए ने भी केस दर्ज किया था. 17 जुलाई 2022 को एनआईए के निर्देश पर राजेश उरांव के घर पर घाघरा पुलिस ने इश्तिहार चिपकाया था.
लातेहार जिले में उसकी सक्रियता अधिक थी. पिछले कई वर्षों से सक्रिय रुप से इस क्षेत्र में काम कर रहा था. संगठन में उसकी पकड़ धीरे-धीरे मजबूत होने लगी थी. यही कारण था कि उसे सब जोनल कमांडर का पद दिया गया था. गुमला, लोहरदगा क्षेत्र में कमजोर हुए संगठन को मजबूत करने में जुटा था.
गुमला के एसपी डा. ऐहतेशाम वकारिब ने कहा कि बाकी बचे दोनों नक्सली सरेंडर करें या गोली खाने के लिए तैयार रहें. पुलिस का लगातार अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक नक्सली का पूर्ण रुप से सफाया नहीं हो जाता है.