झारखंड के गढ़वा की कहानी ठीक उलट है. यहां तिलक और शादी से पहले दूल्हे का एक्सीडेंट हो जाता है. डाॅक्टर आॅपरेशन की सलाह देता है तो परिजन शादी समारोह को आगे बढ़ाने की बात कहते हैं पर दूल्हे ने कहा कि सब तय समय से होगा और हुआ भी. जानिए कैसे. कांडी थाने के खुटहेरिया पंचायत के बेलोपाती गांव निवासी पुजारी सुदर्शन मिश्र के बेटे चंद्रेश मिश्र की शादी तय हुई. इस बीच चंद्रेश ने स्विफ्ट डिजायर गाड़ी खरीदी. शादी से संबंधित खरीदारी के लिए 22 जून को चंद्रेश को गढ़वा जाना पड़ा. खुद गाड़ी चलाकर दो बार गए और आए, लेकिन तीसरी बार गांव से गढ़वा के रास्ते में बोकेया गांव के पास गाड़ी पेड़ से टकरा गई. हालांकि एयरबैग खुल जाने से जान बच गई. इस हादसे में चंद्रेश का कुल्हा खिसक गया और फ्रैक्चर भी हो गया. डॉक्टर ने रॉड का सपोर्ट देकर कच्चा प्लास्टर कर ऑपरेशन की सलाह दी. अगले ही दिन तिलकोत्सव था. परिजनों ने तिलक और शादी की डेट आगे बढ़ाने की बात कही, लेकिन चंद्रेश ने कहा कि सब तय समय पर ही होगा. 23 जून को पैर सीधा कर चार आदमी का सहारा लेकर लड़का बैठा और तिलकोत्सव संपन्न कराया. इसी तरह 25 जून को एक एंबुलेंस मंगाकर दुल्हा बारात लेकर गया. पलामू जिला के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत पनेरीबांध गांव के मिथिलेश मिश्र की बेटी प्रेरणा के साथ शाहपुर के एक होटल में एंबुलेंस से स्ट्रेचर पर उठाकर दुल्हे को मंडप तक ले जाया गया. तय मुहुर्त में दर्द से बेजार दुल्हा चंद्रेश ने प्रेरणा की मांग भरी. सैकड़ों महिला-पुरुष इस अनोखी शादी के गवाह बने. दूल्हे के साहस, जज्बे और दुल्हन प्रेरणा के प्रति प्रेम को देखकर सभी दंग रह गए. सबके मुंह से एक साथ निकल पड़ा- एक विवाह ऐसा भी.