रांची: मिशन 2024 के लिए विपक्षी एकता की बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. बिहार की राजधानी पटना में होने वाली इस बैठक में विपक्ष के तमाम दिग्गज पहुंच चुके और इसी बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पटना जा रहे हैं. विपक्षी दलों की बैठक मोदी को रोकने के लिए कितनी कारगर साबित होगी यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इतना साफ है कि मामले को लेकर झारखंड सियासी गलियारे में भी बयानबाजी लगातार जारी है. एनडीए गठबंधन के आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि यह उन दलों का भय है. क्योंकि लगातार हुए मुकाबले में परास्त हो चुके हैं. इस डर की वजह से ही लोग एक दूसरे को एकत्रित कर रहे हैं. देखने वाली बात होगी कि उनका अपना एजेंडा और राज्य का एजेंडा कहां रह जाएगा. लोग एक जगह आ सकते हैं लेकिन एक नहीं हो सकते.वहीं बीजेपी सांसद संजय सेठ ने विपक्षी दलों की इस बैठक को मुंगेरीलाल के हसीन सपने बताया है. उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल का एजेंडा देश को बढ़ाने के लिए एजेंडा होना चाहिए लेकिन उनका एजेंडा है मोदी हटाओ. क्योंकि उनकी दुकान बंद हो गई है. उन्हें पता नहीं इस देश के 140 करोड़ लोग मोदी के साथ खड़े हैं विकास के साथ खड़े हैं और 2024 में उनका परमानेंट ताला लग जाएगा. मुख्यमंत्री के पटना बैठक में शामिल होने के मामले पर संजय सेठ ने कहा कि कोई कहां जाए 2024 में जनता के पास आना होगा और जनता जानती है कि 76 सालों के अंदर की सरकार ने अंतिम व्यक्ति तक क्या पहुंचा.
बीजेपी की तरफ से किए गए कटाक्ष पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि विपक्षी एकता की कवायद में हम सभी लगे हैं. हम चाहते हैं कि देश में जो यह निकम्मी भ्रष्ट सरकार है जो मुद्दों से मुंह मोड़ कर विदेशों में भ्रमण करने वाली सरकार है उसको सत्ता से उखाड़ फेंके और उसी को लेकर हम लोगों ने कवायद शुरू की है. जिसमें व्यापक सहयोग मिल रहा है. सभी दलों का नीतीश कुमार ने जो कोशिश की है अगर तमाम विपक्षी दल सही नियत और संपूर्ण एकता के साथ सोचेंगे तो हमारी एकता मजबूत होगी और आने वाले समय में हम बीजेपी को ठीक करने का काम करेंगे.