बिहार में नई शिक्षक नियमावली 2023 के खिलाफ शिक्षक पर उतर गए हैं. धरना-प्रदर्शन के बाद अब शिक्षकों ने भितिहरवा (पश्चिम चंपारण) के गांधी आश्रम से प्रतिरोध मार्च का ऐलान किया है. आज बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ-साथ सैकड़ों शिक्षक लोगों के बीच जाकर नई शिक्षक नियमावली के विरुद्ध में हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेंगे. आज भितिहरवा गांधी आश्रम से प्रमंडल के शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 के विरोध में प्रतिरोध मार्च निकालने जा रहे हैं. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ से मिली जानकारी के मुताबिक, इसमें राज्य संघ, तिरहुत प्रमंडल के संघ के पदाधिकारी, सभी जिलों के अध्यक्ष, सचिव, राज्य कार्यकारिणी सदस्य शामिल हैं. इसके अलावा पश्चिम चंपारण के सैकड़ों शिक्षक भी इस आंदोलन में शामिल होंगे. इस मार्च के दौरान सभी शिक्षक लोगों के बीच जाकर उनका समर्थन मांगेंगे. साथ ही नई शिक्षक नियमावली के विरुद्ध में हस्ताक्षर भी लेंगे. शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 के विरोध में करीब दो महीने शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद अब यह अपने चौथे चरण में पहुंच गया है. भितिहरवा से शुरू हुआ यह मार्च प्रदेश के सभी 38 जिलों में चलाया जाएगा.
सैकड़ों शिक्षकों की सरकार से मांग
शिक्षकों का मानना है कि सरकार उनके प्रति काफी संवेदनशील रवैया अपना रही है. शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सरकार विभागीय स्तर पर कोई क्वालीफाइंग परीक्षा ले सकती है, लेकिन परीक्षा में बहुत अच्छे अंक लाने की शर्त सरासर गलत है. इस वक्त प्रदेश में कुल 4.50 लाख से अधिक नियोजित शिक्षक हैं और इस नियमावली के तहत मात्र 1.70 लाख शिक्षकों के पद ही भरे जाएंगे. इतना ही नहीं शिक्षकों के साथ साथ इसमें शिक्षक अभ्यर्थी भी फाइट करेंगे. ऐसे में शिक्षक चाहते हैं कि सरकार उन्हें बिना किसी शर्त के राज्यकर्मी का दर्जा दें.
सरकारी स्कूलों को मिलेंगे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा-सरकार का दावा
बिहार राज्य अध्यापक नियमावली 2023 को लेकर सरकार का कहना है कि इससे नियमावली के कारण प्रदेश को अच्छे और गुणवत्तापूर्ण शिक्षक मिलेंगे, जिससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा. नियोजित शिक्षक बेवजह इसे मुद्दा बना रहे हैं. सरकार इस अब अपने इस कदम को वापस नहीं लेगी.