पटना में आयोजित हुई महाबैठक में विपक्षी एकता का सपना चकनाचूर हो गया. बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने साफ कहा कि वो अब किसी भी ऐसी मीटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे, जिसमें कांग्रेस पार्टी शामिल होगी. अब इस मुद्दे पर लालू यादव की पार्टी राजद ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है. राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने केजरीवाल को पीएम मोदी की तरह तानाशाह बताया. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल का अंदाज वही था, जैसा नरेंद्र मोदी का होता है, इसलिए उन्हें किसी ने नोटिस नहीं किया.शिवानंद तिवारी ने कहा कि दिल्ली के सीएम भी उसी तरह से तानाशाही चला रहे हैं कि हमारा जो कहना है, उसे पहले लीजिए.नरेंद्र मोदी वाला वही अंदाज उनका भी था, इसीलिए सब लोगों ने उनका नोटिस नहीं लिया. दरअसल, बैठक के दौरान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली अध्यादेश पर सभी विपक्षी दलों का समर्थन मांगा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर से उनकी मांग को टाल दिया और कहा कि इस पर बाद में चर्चा की जाएगी. जिस पर अरविंद केजरीवाल भड़क गए थे. केजरीवाल ने कांग्रेस पर बीजेपी से मिले होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का बीजेपी का गुपचुप समझौता हो चुका है. उन्होंने दावा किया कि जब राज्यसभा में वोटिंग होगी, तो कांग्रेस के सांसद वॉकआउट कर जाएंगे. उनके इस बयान पर हंगामा शुरू हो गया. जिस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला किया तब तो आपकी पार्टी ने हमारा समर्थन नहीं किया था. आज आपके ऊपर संकट आया है तो आप चाहते हैं कि सब आपका साथ दें.वहीं बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमान खान ने इस बैठक को सफल बताया. उन्होंने कहा कि पहली बार विपक्षी दलों की इतनी बड़ी महाबैठक हुई है. नीतीश के कहने पर सब आए. अभी यह तय हुआ है कि विपक्ष एकजुट होकर लड़ेगा. जमान खान ने कहा कि नीतीश को यूपीए संयोजक बनने पर कहा कि उनकी बड़ी भूमिका विपक्ष की ओर से रहेगी. वहीं विपक्ष को एकजुट कर रहे हैं. वहीं बीजेपी ने इसे बैठक को भ्रष्टाचारियों और परिवारवादियों का गठजोड़ बताया.