झारखंड में पिछले 24 घंटे में मानसून काफी ज्यादा सक्रिय हुआ है और जिले के सभी स्थानों पर अच्छी बारिश दर्ज की गई है. सबसे अधिक बारिश गढ़वा जिले में 152 मिमी रिकॉर्ड की गई है. उत्तर पश्चिमी झारखंड और दक्षिण पूर्व झारखंड में भारी बारिश देखने को मिली. निम्न दबाव का जो क्षेत्र था वह झारखंड के दक्षिणी भाग और सटे हुए भाग में सक्रिय है. वहीं झारखंड के लगभग सभी स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश देखने को मिलेगी. हालांकि 5 अक्टूबर को बारिश में थोड़ी कमी आएगी और 6 तारीख से निम्न दबाव का प्रभाव कम होगा.
5 तारीख से वज्रपात की चेतावनी
आज झारखंड के पूर्वी भाग में जिसमें संथाल सहित आसपास के इलाके और दक्षिण पूर्व इलाके में हल्के से मध्यांतर की बारिश दर्ज की जाएगी. 5 तारीख से गर्जन और वज्रपात की चेतावनी जारी की गई. लगातार हुई बारिश का असर भी देखने को मिल रहा है और इस बारिश में लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है. मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक गर्जन और वज्रपात के दौरान घरों से बाहर निकलने में परहेज करें.
पतरातू का खोला गया डैम
वहीं लगातार 5 दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण झारखंड के रामगढ़ जिले के पतरातू डैम का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर दिया है. पतरातू डैम का जलस्तर 1328.5 फीट आर एल हो गया है, डैम के खतरे को देखते हुए डैम के एक फाटक को खोला गया है.
मोहल्ले में बढ़ रहा डेंगू का कहर
वहीं लगातार हो रही भारी बारिश से खूंटी जिले के तोरपा पुलिस अनुमंडल क्षेत्र के तोरपा का पूरा विजय नगर मोहल्ला तालाब बन गया है और बरसात में नालियों और इधर-उधर से बहकर आया पानी घरों में घुसने लगा है. मोहल्लेवासियों में डेंगू का डर समाया हुआ है.
घरों में घुस रहा नाली का पानी
बताया जाता है कि लोग प्रशासन की मिलीभगत से अतिक्रमण करके गैर मजरुआ जमीन में घर बना लिये है. जहाँ से पहले पानी पार हो जाता था अब अतिक्रमण करने से लोगों का हाल बेहाल है. उप मुखिया राजू साहू ने बताया कि एक समय ऐसा था कि इस नाली का पानी नदी में जाकर मिल जाता था, लेकिन प्रशासन की मदद से जमीन अवैध तरीके से अतिक्रमण करके घर बनाए जाने से अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अब नाली का पानी घरों में घुस रहा है. घरों के लोग बीमार हो रहे हैं.