ट्रेन ठहराव की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया बिसरा में रेल चक्का जाम, कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों में फंसी

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Ranchi: चक्रधरपुर रेल मंडल के ओडिशा में स्थित बिसरा स्टेशन में सोमवार को अपने तय कार्यक्रम के तहत बिसरा पब्लिक एक्शन कमिटी के द्वारा रेल चक्का जाम कर दिया गया. सुबह सात बजे से शुरू हुए इस रेल चक्का जाम के कारण हावड़ा मुंबई मुख्य रेल मार्ग में ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया. कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों में फंस गयी, जिससे रेलवे को भारी राजस्व के नुकसान के साथ साथ हजारों यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी. बिसरा के ग्रामीण बिसरा स्टेशन में कोरोना काल से पहले की तरह एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं.

बिसरा स्टेशन में ग्रामीणों ने सभी रेल पटरी पर लाल बैनर लगाकर रेल चक्का जाम किया. वहीं बिसरा समेत आसपास के ग्रामीण रेल पटरी पर बैठ गए हैं. जिससे रेल चक्का जाम हो गया है. इस रेल चक्का जाम के कारण चक्रधरपुर रेल मंडल के बिसरा स्टेशन में दो मालगाड़ी, राउरकेला स्टेशन में गीतांजलि और अहमदाबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस, चक्रधरपुर स्टेशन में उत्कल एक्सप्रेस और टाटानगर स्टेशन में साऊथ बिहार एक्सप्रेस फंस गयी. इसके अलावे विभिन्न स्टेशनों में मालगाड़ी बड़ी संख्या में मालगाड़ी भी फंस गयी. इधर रेल चक्का जाम का नेतृत्व कर रहे बिरमित्रपुर के पूर्व विधायक जोर्ज तिर्की समेत अन्य अगुआ नेताओं से एडीआरएम राजकिशोर मोहंती ने वार्ता कर रेल चक्का जाम को हटाने की कोशिश की. लेकिन उनका प्रयास विफल रहा. ग्रामीण ट्रेनों के ठहराव की मांग पूरी नहीं होने तक रेल चक्का जाम करने की जिद पर अड़े हुए हैं.

इधर बिसरा में ग्रामीणों के रेल चक्का जाम को नियंत्रित करने के लिए फ़ोर्स की भी तैनाती की गयी है. मौके पर आरपीएफ, जीआरपी, जिला पुलिस के जवान मौजूद हैं. ड्रोन से रेल चक्का जाम करने वालों पर नजर रखी जा रही है. बिसरा के ग्रामीण रेलवे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है की वे रेलवे से तीन साल से पत्राचार कर थक चुके हैं. लेकिन उनकी मांगों पर रेलवे ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके कारण उन्हने बाध्य होकर रेल चक्का जाम करना पड़ा है.

ग्रामीणों का कहना है की भाजपा के विधायक शंकर ओराम ने भी पत्र लिखकर रेल मंत्री से बिसरा में ट्रेन ठहराव की मांग की लेकिन इसपर भी रेलवे ध्यान नहीं दिया. बिसरा स्टेशन में ट्रेन ठहराव नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई, गरीबों का रोजगार, मजदूरी, बीमार का ईलाज सबकुछ मुश्किल हो गया है. बिसरा, जरायकेला, भालुलता बिसरा के हजारों ग्रामीण ट्रेन के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं. लेकिन रेलवे को यहाँ के लोगों की परेशानी नहीं दिख रही है. ग्रामीणों का कहना है की जब तक बिसरा में एक्सप्रेस ट्रेनों का पहले की तरह ठहराव नहीं होगा तब तक रेल चक्का जाम रहेगा. रेल चक्का जाम से जो भी समस्या उत्पन्न हो रही है उसके लिए खुद रेलवे और उसके अधिकारी जिम्मेदार हैं, क्योंकि रेलवे ग्रामीणों के जायज मांग को कुचलने का काम कर रहे. लेकिन अब ग्रामीण लोकतान्त्रिक तरीके से आन्दोलन के जरीय लड़ाई लड़कर अपना हक और अधिकार लेने के लिए रेल चक्का जाम कर रहे हैं.

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