लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां अपने अंतिम दौर में हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव आयोग की ओर से जल्द ही तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी. चुनाव से ठीक पहले झारखंड सरकार ने बड़े पैमाने पर अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की है. इसमें सरकार ने नियमों की अनदेखी की है. जिसको लेकर चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई है. चुनाव आयोग का कहना है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में निर्देशों का समुचित तरीके से अनुपालन नहीं किया गया है. इसको लेकर अब झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सह सचिव के. रवि कुमार ने चंपई सरकार के उच्चाधिकारियों को चिट्ठी लिखी है और आयोग के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है.
के रवि कुमार ने अपनी चिट्ठी में में कहा है कि आयोग को पता चला है कि लोकसभा चुनाव की वजह से अफसरों की होने वाली ट्रांसफर-पोस्टिंग में निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है. उन्होंने लिखा कि आम लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के आदेश पर अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के कंप्लायंस के बारे में जानकारी दें. चिट्ठी के मुताबिक, 21 दिसंबर 2023 को लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए आयोग ने राज्य में एक ही जगह पर चार साल या उससे अधिक समय से पदस्थापित पदाधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के बारे में दिशा-निर्देश जारी किया था.उन्होंने लिखा कि पदाधिकारियों का ट्रांसफर एक ही संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के सीमावर्ती जिले में कर दिया गया है, जो स्थानांतरण नीति की मूल भावनाओं के खिलाफ है. झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि आयोग की ओर से निर्देश दिया जाता है कि जिन पदाधिकारियों का पहले ट्रांसफर किया गया है, लेकिन आयोग के निर्देश का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है, उनका ट्रांसफर नियम के अनुरूप किया जाए.