लोकसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है, लेकिन कई राज्यों में इंडिया ब्लॉक के अंदर सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका है. इन राज्यों में बिहार और झारखंड भी शामिल हैं. हालांकि, अब सीट शेयरिंग को लेकर हलचल तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि झारखंड के अंदर सीटों का बंटवारा लगभग-लगभग तय हो चुका है, बस आधिकारिक घोषणा करनी बाकी है. जानकारी के मुताबिक, झारखंड की कुल 14 लोकसभा सीटों में से 7 सीटों पर कांग्रेस चुनाव और 5 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव लड़ेगी. राजद और माले को एक-एक सीट मिलेगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम ने ये दावा किया है. सीट शेयरिंग का फार्मूला बताते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि तमाम चीज लगभग तय हो चुकी हैं, सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी है. उन्होंने कहा कि इस बार 7-5-1-1 के फार्मूले के साथ महागठबंधन चुनाव लड़ेगा. उन्होंने कहा कि 2019 में हमारे एलायंस तीन लोग थे. इस बार हम लोग चार पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. लेफ्ट भी इस बार गठबंधन में शामिल है. फॉर्मूला तय हो गया है 7-5-1-1, इसी फार्मूला के तहत सबकुछ फाइनल होने वाला है. बहुत जल्द ही सीटों का ऐलान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में चौथे चरण से चुनाव है, बहुत जल्द ही फर्स्ट और सेकंड फेस की सीट का क्लीयरेंस सेंट्रल से हो जाएगा. एक-दो दिन में सीटों का ऐलान हो जाएगा.उन्होंने कहा कि अभी ढाई महीने का लंबा समय है हमारे पास लेकिन हमारा संगठन जिला स्तर पर काम कर रहा है. हम लोगों ने 14 की 14 सीटों पर इंडिया अलायंस के कैम्पेन को शुरू कर दिया है. गीता कोड़ा पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि लोहरदगा सीट आज तक हम लोगों के पास है. आने वाले दिनों में देखा जाएगा. आलाकमान जो तय करेगी वह फाइनल होगा. वहीं जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि फार्मूला तय होने की कोई खबर हम लोगों के पास नहीं है. उन्होंने कहा कि जब हमें जानकारी मिलेगी तभी घोषणा होगी. उन्होंने कहा कि हमारे जो बड़े नेता हैं वह संयुक्त रूप से इसकी घोषणा करेंगे. जेएमएम प्रवक्ता ने कहा कि आलमगीर साहब ने ये बातें जरूर बोली हैं, लेकिन फार्मूला अंतिम निर्णय तक पहुंचा नहीं है. कौन-कितनी सीटों पर लड़ेगा, ना अधिकृत जानकारी है और ना ही अधिकृत घोषणा हुई है. हम अभी भी उम्मीद करेंगे कि 6, 6 सीटों पर बंटवारा होगा. एक-एक सीट अन्य दालों के लिए छोड़ी जाएगी. यह सबसे बेहतर फार्मूला है दोनों दल जो मुख्य दल है उसे इसपर सहमति बनाने की आवश्यकता है, उन्होंने कहाकि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो झारखंड में एक भी कमल नहीं खिलने देना है.भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट शेयरिंग के फार्मूले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि फार्मूला तो इनका पूरे देश में तय हुआ था, लेकिन आज जमीनी हकीकत क्या है, यह किसी से छुपी नहीं है. अगर बात झारखंड की है तो यह गठबंधन नहीं है, ठगबंधन है. पिछली बार भी मिलकर लड़े थे, दो सीटें जीती थी. एक अभी ही जा चुकी है और एक चुनाव के दौरान भी चली जाएगी.