रांची: झारखंड को नशा मुक्त बनाना सरकार और पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. राज्य के युवा तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं. राजधानी सहित पूरे राज्य में नशे का कारोबार भी तेजी से फैल रहा है, जिसमें देश-दुनिया के बड़े बड़े रैकेट शामिल हैं. एक अनुमान के मुताबिक ड्रग तस्कर पर्दे के पीछे से हर साल राज्य में गांजा, चरस, अफीम, ड्रग्स, ब्राउन शुगर, हेरोइन, डेंड्राइट से अरबों रुपये का कारोबार करते हैं. ड्रग तस्कर झारखंड के बच्चों को अपना मुख्य निशाना बनाते हैं, शायद यही वजह है कि अब शहर से लेकर गांव तक राज्य का हर इलाका सब नशे की गिरफ्त में आ गए हैं. वहीं राजधानी रांची सहित पूरे राज्य को नशे की लत से मुक्त करने के लिए दो तरफा कार्रवाई भी चल रही है.पुलिस ने इस मामले में आठ आरोपियों को धर दबोचा जिसमें से एक नाबालिग भी शामिल है. गिरफ्तार सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. नशे के खिलाफ पुलिस की ये कार्रवाई एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है लेकिन नशे के कारोबार में नाबालिग का शामिल होना पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की है. पुलिस के सामने के अब ये सवाल है कि आखिर कैसे नशे की दलदल से तमाम लोगों सहित नाबालिगों को बचाया जा सके.