केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन की ओर से संसद में बजट पेश करने के बाद से नई बहस शुरू हो गई है. विपक्ष ने इसे कुर्सी बचाओ बजट बताते हुए कहा कि इस बजट के बड़े हिस्से पर बिहार और आंध्र प्रदेश का कब्जा हो गया है. बिहार को करीब 59 हजार करोड़ तो आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ के विशेष पैकेज का ऐलान किया गया है. विपक्ष का कहना है कि बजट में देश के अन्य राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है. बता दें कि बजट में आमतौर पर चुनावी राज्यों पर फोकस किया जाता है. बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए उसे तो करीब 59 हजार करोड़ रुपये की रकम मिली. वहीं झारखंड में इसी साल चुनाव होने हैं, आइए देखते हैं कि उसे कितना कुछ मिला?इस बार के बजट में केंद्रीय करों और शुल्कों की शुद्ध आय से झारखंड के हिस्से कुल ₹41.24 हजार करोड़ आए हैं. बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फ्री राशन योजना को अगले पांच सालों तक भी जारी रखे जाने की बात कही. झारखंड के करीब 34 लाख लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. वित्त मंत्री ने पूर्वोदय योजना शुरू करने का ऐलान किया. वित्त मंत्री बोलीं कि इस योजना का लाभ पूर्वी भाग के राज्यों को मिलेगा. अहम ये है कि पूर्वोदय योजना के तहत बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के साथ ही झारखंड भी कवर हो रहा है. इस योजना के अंतर्गत नए संसाधन विकास के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक उन्नति के अवसरों के सृजन की बात कही गई है. वहीं प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने का भी ऐलान किया. इस अभियान का लक्ष्य जनजातीय समुदाय के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही जनजातीय परिवारों को सरकारी योजनाओं का संपूर्ण कवरेज देना है. कहा जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा लाभ झारखंड को ही मिलने वाला है, क्योंकि झारखंड की कुल आबादी में तकरीबन 27 प्रतिशन भागीदारी जनजातियों की ही है. प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क विंग के तहत कार्य का उल्लेख किया गया है. रेलवे के कई प्रोजेक्ट झारखंड में शुरू होने वाले हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, झारखंड में ही रेलवे के विकास के लिए 52,884 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
