शहीदों और आदिवासी नायकों के नाम पर सिर्फ राजनीति, बाबूलाल मरांडी ने हेमंत-चंपई पर बोला हमला

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 रांची: झारखंड के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के सीएम चंपई सोरेन और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन पर राज्य में स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और आदिवासी नायकों के परिजनों की उपेक्षा करने और उनके नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकने का आरोप लगाया है. मरांडी ने कहा है कि 30 जून को हूल दिवस पर चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन शहीदों के गांव भोगनाडीह में वीर शहीद सिदो-कान्हू के वंशजों से मिलने और फोटो खिंचाने तो गए, पर उनकी वर्षों पुरानी मांगों को फिर से नजरअंदाज कर दिया.

हेमंत और चंपई चार बार भोगनाडीह गए

भाजपा नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पिछले चार साल में सीएम की हैसियत से हेमंत सोरेन और चंपई सोरेन चार बार भोगनाडीह तो गए, पर शहीद सिदो-कान्हू के वंशजों के लिए न तो एक नौकरी का इंतजाम किया गया, न तो उनके लिए रोजगार के दूसरे साधन मुहैया कराए गए."

आदिवासी समाज को शर्मसार कर रही सरकार

उन्होंने कहा, "जो सरकार शहीदों के वंशजों को सम्मानपूर्वक दो वक्त की रोटी तक मुहैया नहीं करा सकती, ऐसी सरकार भला पूरे आदिवासी समाज का क्या ही कल्याण करेगी ! दिखावे की सरकार आदिवासी समाज को शर्मसार कर रही है." उन्होंने राज्य के संथाल परगना में आदिवासियों की घटती आबादी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के कारण पूरे इलाके की डेमोग्राफी बदल गई है। इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी गठित की जानी चाहिए।

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