झारखंड फतह के लिए बीजेपी अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुटी है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा करीब हर सप्ताह प्रदेश नेताओं को टास्क देने आ रहे हैं. बीजेपी ने पूर्व सीएम चंपई सोरेन को जेएमएम से तोड़कर बड़ी बढ़त हासिल कर ली है. हालांकि, इसके बाद भी सत्ताधारी इंडिया ब्लॉक उसे कड़ी टक्कर देने को तैयार है. बीजेपी को विरोधियों से ज्यादा अपनों से खतरा नजर आ रहा है. दरअसल, जेडीयू ने अपना दायरा बढ़ाने के लिए झारखंड चुनाव लड़ने का ऐलान क्या किया, बिहार एनडीए के सारे दल अब झारखंड में चुनाव लड़ना चाहते हैं. बिहार एनडीए में शामिल सभी दल बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं. वहीं प्रदेश में बीजेपी का पहले से आजसू के साथ गठबंधन है. जेडीयू ने पहले ही प्रदेश में चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है. नीतीश कुमार को यहां पूर्व मंत्री सरयू राय का साथ मिल चुका है. हालांकि, जेडीयू इसके बाद भी एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है. जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कही. उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ बातचीत चल रही है. जब कोई फैसला हो जाएगा तो इसका ऐलान भी कर दिया जाएगा. जेडीयू ने 11 सीटों की डिमांड की है. सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू को एनडीए में शामिल करने की सहमति बन चुकी है. दूसरी ओर लोजपा-आर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी झारखंड चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-आर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर अभी से रणनीति बनाने में लगी है. हाल ही में रांची में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चुनावी रणनीति पर भी चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक, चिराग ने झारखंड में विाधनसभा चुनाव से पहले 28 सीटों पर दावा ठोंका है. अब हम संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी झारखंड चुनाव लड़ने की बात कही है. मांझी ने कहा कि हम चुनाव झारखंड में लड़ेंगे, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष इसको लेकर एसेसमेंट करवा रहे हैं. एक ग्रुप इस पर काम कर रहा है, कौन-कौन सीट पर हम लड़ सकते हैं. उन सीटों पर अपना दावा एनडीए में करेगें. उन्होंने कहा कि एनडीए से बात चीत कर एलायंस में हम चुनाव लड़ेंगे. सीटों पर हमारी स्ट्रेटजी आंतरिक है. NDA में बैठ कर बात होगी.