मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाने वाले वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसको लेकर पूरे देश से रिएक्शन आने लगे हैं. इसी तरह झारखंड मुक्ति मोर्चा का भी रिएक्शन आ गया है. झामुमो की ओर से महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, हम किसी भी सूरत में वन नेशन वन इलेक्शन को नहीं मानने वाले. भट्टाचार्य ने कहा, वन नेशन वन इलेक्शन अधिनायकवाद को स्थापित करता है. बीजेपी जिस तरह से आगे बढ़ रही है, उससे लग रहा है कि वह संविधान बदलने की नीयत के साथ चल रही है.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, संविधान बदलने की पटकथा लिखी जा रही है और इससे अधिनायकवाद स्थापित होगा. उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन बीतते ही वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसकी तिथि भी 2029 चुनी गई. इस प्रस्ताव से देश के कम से कम 25 लाख जनप्रतिनिधियों के अधिकारों पर प्रहार किया गया है. भट्टाचार्य ने कहा, वन नेशन वन इलेक्शन आदिवासी परंपरा पर कुठाराघात है.
उन्होंने कहा, भाजपा चुनी हुई सरकारों को तोड़ती है और मुकदमा लादकर अपनी सरकार बना लेती है. उन्होंने कहा, झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार के इस प्रस्ताव को सहन नहीं करेगा. आप चुनाव हार रहे हैं और चुनाव हारने के बाद अपना शासन थोपना चाहते हैं. पीएम भूत की चर्चा करते हैं और भूत भगाने के लिए भी लोग आ जाते हैं. अभी गृह मंत्री भी आने वाले हैं पर भाजपा को कोई नहीं बचा सकता. भट्टाचार्य ने सवालिया लहजे में पूछा, किसने कह दिया कि एक साथ चुनाव से वोटिंग प्रतिशत बढ़ जाएगा.