विरोध करती रही पत्नी लेकिन संबंध बनाने पर आमादा था पति, कोर्ट ने रेप के केस में दोषी करार दिया

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रांची: मैरिटल रेप (Marital Rape) यानी पत्नी से उसकी इच्छा के बगैर जबरन सेक्सुअल रिलेशन बनाने के मुद्दे पर देश में छिड़ी कानूनी बहस के बीच एक ऐसे ही केस में रांची की सिविल कोर्ट का फैसला आया है. रांची के अपर न्यायायुक्त की अदालत ने पत्नी के साथ उसके विरोध के बावजूद बार-बार सेक्सुअल रिलेशन (Physical Relation) बनाने के मामले में ट्रायल फेस कर रहे अभियुक्त रणधीर वर्मा (Marital Rape Case Accused Randhir Verma) को दोषी करार दिया है. अदालत के इस फैसले के बाद अभियुक्त को जेल भेज दिया गया है. रणधीर वर्मा की सजा पर फैसला 30 सितंबर को होगा. रणधीर वर्मा की पत्नी ने 2015 में रांची के कोतवाली थाने में पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और अन्य तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी करार दिया है. महिला ने पति के खिलाफ साल 2016 में दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए एक अलग केस सुखदेव नगर थाना में दर्ज कराया था, जिस पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला आना बाकी है. 

मैरिटल रेप के मामले में कर्नाटक और दिल्ली हाईकोर्ट के दो फैसलों पर कानूनी बहस छिड़ी हुई है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है. कई जनहित याचिकाएं इस मामले में दायर की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को एक साथ मर्ज करके सुनवाई करने का फैसला लिया है. 

24 सितंबर को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में इसकी सुनवाई होनी थी, लेकिन केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त मांगा था, जिस कारण सुनवाई आगे के लिए टल गई थी. 

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