डीजीपी ने जारी किया सख़्त आदेश
-यदि कोई साइबर अपराध एसटी, एससी ह्यूमन ट्रैफिकिंग और महिला अपराध से संबंधित भुक्तभोगी किसी आम थाने पर जाता है, तो उसे क्रमशः साइबर, एसटी, एससी, ह्यूमन ट्रैफिकिंग या महिला थाना में जाने की सलाह दी जाती है, जो कि पूर्णतः गलत है. यदि किसी जिले में अपराध महिला अपराध, साइबर अपराध के लिए अलग से थाना खुला है, उसका ये मतलब कतई नहीं है कि जिले के अन्य थानों में इस संबंध में एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती. सभी वरीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया जाता है कि जैसे ही इस प्रकार का कोई मामला मिले तो अविलम्ब उस थाना प्रभारी को थाना से हटा दिया जाय और उनके विरूद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाय.
-डीजीपी ने कहा कि बीएनएसएस-173 में स्पष्ट प्रावधान है कि अपराध किया गया क्षेत्र पर विचार किये बिना, थाना प्रभारी के द्वारा एफआईआर और जीरो एफआईआर दर्ज किया जाय. यदि कोई थाना प्रभारी इसका अनुपालन नहीं करता है तो स्पष्ट है कि वो कानून का उल्लंघन कर रहा है.