मठ की जमीन पर मुस्लिम परिवार ने किया कब्जा तो गांववालों ने खोला मोर्चा, देखें क्या है पूरा मामला?

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  बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मठ की जमीन पर कब्जा करने का मामला सामने आया है. यहां जगदीशपुर बघनगरी गांव के राम जानकी मठ के जमीन पर एक मुस्लिम परिवार के बसने को लेकर अब विवाद उत्पन्न होने लगा है. मठ की जमीन पर मुस्लिम परिवार की ओर से कब्जा करने का ग्रामीणों ने विरोध किया है. मठ की जमीन पर बसे मुस्लिम परिवार को लेकर मुखिया सरपंच सहित गांव के संत और ग्रामीणों के बीच एक बैठक बुलाई गई. उसके बाद कई जांच एजेंसियों को पत्र भेजा गया है. इसके साथ ही एसडीएम ईस्ट को भी आवेदन देकर मठ की जमीन से मुस्लिम परिवार को खाली करने का आग्रह किया गया है.

आवेदन मिलने के बाद एसडीएम ईस्ट अमित कुमार ने इसकी जांच के लिए सकरा के अंचलाधिकारी को आदेश दिए हैं. पूरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के जगदीशपुर बघनगरी गांव के राम जानकी मठ का है. बताया जा रहा है कि मैथ के जमीन के कोने पर नट जाति से आने वाले मुस्लिम परिवार में कब्जा कर लिया है और उसे पर अपना मकान भी बना लिया है यहां तक की बताया जा रहा है कि मुस्लिम परिवार से आने वाले जहीर खान मठ के महंत के इशारे पर मठ में भी आता जाता है. जो सनातन धर्म के खिलाफ है.

पंचायत के मुखिया राजेश कुमार ने बताया कि मठ के जमीन में जहीर खान नामक मुस्लिम परिवार महंत श्याम सुंदर दास का इशारे पर बसा दिया गया है, जबकि जहीर खान का पूरा परिवार के लोग कुतुबपुर में रहते हैं. उसके पास जमीन होने के बावजूद महंत के सहयोग से और अधिकारियों से सांठगांठ करके जहीर खान को बसा दिया गया है. सरपंच राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जब इस पर कोई आवाज उठाता है तो महंत के इशारे पर उसे पर केस मुकदमा कर दिया जाता है और महंत श्यामसुंदर दास का सानिध्य जहीर खान पर बना हुआ है.

मठ की संपत्ति का वह उपयोग भी करता है. ह भी बताया जा रहा है कि जहीर खा भगवा कपड़ा पहन कर मठ में भी प्रवेश करता है. इसको लेकर कई जगह पर लिखित शिकायत भी की गई है. गांव के संत प्रेमचंद्र मिश्रा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जी से आग्रह किया है कि मठ के जमीन से उस मुस्लिम परिवार को हटाने का कष्ट करें.

वहीं महंत श्यामसुंदर दास का कहना है कि उनके आने के पहले मठ के जमीन में जहीर खान का घर बना हुआ है और इसके लिए लोगों ने 2022 में ट्रस्ट बोर्ड को आवदेन दिया गया था. उसके बाद उन्होंने न्यास समिति को भी लिखा था कि जहीर खान 1950 से बसा हुआ है. जबकि वह 1989 में यहां आए हैं. इसके बाद हमने भी लेटर पैड पर हटाने का आदेश दे दिया था, लेकिन मठ के जमीन के जमाबंदी से उसका जमाबंदी अलग हो गया है. फिर भी इस मामला को नया समिति में रखा हुआ है, जिसकी सुनवाई चल रही है. पूरे मामले को लेकर एसडीएम ईस्ट अमित कुमार ने बताया कि मठ के जमीन पर बसे जहीर खान नामक व्यक्ति से संबंधित एक आवेदन उनके पास आया है. इसको लेकर जांच के आदेश भी दिए गए हैं.

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