रघुबर दास के इस्तीफे का राज क्या है? झारखंड का बढ़ गया सियासी पारा

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रघुवर दास ने ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया है. एक वर्ष पहले 18 अक्टूबर 2023 को ही उन्हें ओडिशा का राज्यपाल बनाकर भेजा गया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. उनकी जगह अब डॉ. हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. रघुवर दास के इस्तीफे से झारखंड का सियासी पारा चढ़ गया है. अटकलें लगाई जा रही है कि प्रदेश की राजनीति में उनकी फिर से वापसी हो सकती है.

रघुवर दास के राज्यपाल रहते हुए बीजेपी ने ओडिशा विधानसभा चुनाव जीता. हालांकि, उनकी गैरमौजूदगी में झारखंड में बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. बीजेपी अपने पहले प्रदर्शन को भी नहीं दोहरा पाई. विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बीजेपी को एक सशक्त नेतृत्व की तलाश है. इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद प्रबल संभावना है कि रघुवर दास की झारखंड भाजपा की राजनीति में वापसी होगी. रघुवर दास पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं.

उनके सहारे पार्टी फिर से प्रभावशाली ओबीसी वोट बैंक को साध सकती है. सियासी जानकारों का कहना है कि राज्यपाल बनने की उनकी इच्छा नहीं थी, लेकिन पार्टी नेतृत्व का विरोध नहीं कर सके थे. पार्टी में उन्होंने निचले स्तर से कार्य किया है. यही कारण है कि उनके नेतृत्व में पार्टी ने पूर्ण बहुमत की सरकार चलाई थी. वह पहले सीएम हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है. वहीं बाबूलाल मरांडी विधायक दल के नेता बनाए जा सकते हैं.


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