महेंद्र सिंह धोनी इंटरनेशनल क्रिकेट से ब्रेक लेने के बाद अपने परिवार के साथ रांची में सात एकड़ के आलीशान फार्महाउस में रहते हैं. उन्हें अक्सर रांची में बाइक चलाते या झारखंड क्रिकेट अकादमी स्टेडियम में स्पॉट किया जाता है. धोनी अपनी निजी जिंदगी भी इसी फार्महाउस में शांति से बिताते हैं. धोनी सोशल मीडिया पर भले ही ज्यादा एक्टिव न हों, लेकिन उनकी पत्नी साक्षी सिंह कभी-कभी फार्महाउस की तस्वीरें शेयर करती हैं, जिससे फैन्स को उनकी निजी जिंदगी के बारे में कुछ जानकारी मिलती है.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का व्यक्तित्व हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है. वह सेलिब्रिटीज की भीड़भाड़ वाली दुनिया से दूर, शांत और साधारण जीवन जीने में विश्वास रखते हैं. एक अनोखी बात जो उनके बारे में अक्सर सामने आती है, वह यह कि वह अपने पास मोबाइल फोन तक नहीं रखते. इस वजह से उनसे संपर्क करना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है. बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में बताया कि धोनी की यह आदत उनके चयनकर्ताओं के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर देती थी.
बीसीसीआई को भी होती थी मुश्किल
शुक्ला ने बताया कि धोनी का मोबाइल न रखने का फैसला उनके कॅरियर के दौरान भी चयनकर्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन जाता था. उन्होंने कहा, 'जब भी उनका चयन होता था, यह समझाना मुश्किल हो जाता था कि उन्हें कहां जाना है या क्या करना है. वे मोबाइल पर उपलब्ध ही नहीं होते थे.' राजीव शुक्ला के मुताबिक, धोनी का यह स्वभाव उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाता है. वह मैदान पर टीम के साथ पूरी तरह जुड़े रहते हैं, लेकिन मैदान के बाहर उनसे संपर्क करना लगभग नामुमकिन होता है.
सोशल मीडिया पर नहीं दिखती धोनी की मौजूदगी
आज के दौर में जहां क्रिकेटर्स सोशल मीडिया पर करोड़ों फॉलोवर्स के साथ ब्रांड्स को प्रमोट करते हैं, वहीं धोनी इससे कोसों दूर हैं. वह साल में एक या दो बार ही पोस्ट करते हैं, जो उनके संयमित और निजता पसंद स्वभाव को दर्शाता है. राजीव शुक्ला ने इसे उनकी सिद्धांतवादी प्रवृत्ति बताते हुए कहा कि धोनी केवल उन्हीं बातों पर ध्यान देते हैं जो उनके लिए महत्वपूर्ण हैं.
धोनी की खासियत
राजीव शुक्ला ने धोनी के व्यक्तित्व की एक और खासियत साझा की. उन्होंने कहा, 'वह जो भी वादा करते हैं, उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करते हैं. उनमें कोई हल्कापन नहीं है. वह फिजूल की बातें करने में समय बर्बाद नहीं करते.' यही गंभीरता उन्हें खेल के प्रति समर्पित और टीम के लिए प्रेरणास्रोत बनाती है.'
भारत को दिलाईं 3 आईसीसी ट्रॉफियां
धोनी का कॅरियर उपलब्धियों से भरा रहा है. वह दुनिया के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने टी-20 वर्ल्ड कप (2007), वनडे वर्ल्ड कप (2011), और चैंपियंस ट्रॉफी (2013) जीतकर भारत को गौरवान्वित किया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी वह आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं. 2025 के सीज़न में भी उन्हें 4 करोड़ रुपये के पैकेज के साथ टीम का हिस्सा बनने की उम्मीद है.