यूपी से बिहार आकर बन गए BPSC टीचर, काउंसलिंग के दौरान खुल गया राज, अब होगी FIR

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 बिहार के बेगूसराय में एक बार फिर से फर्जी शिक्षक पकड़े गए हैं. आरोपियों ने BPSC की TRE-3 शिक्षक भर्ती में फर्जी कागजातों के सहारे नौकरी हासिल की थी, लेकिन काउंसलिंग के दौरान उनका रहस्य उजागर हो गया. काउंसलिंग के दौरान बेगूसराय से तीन फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया है. जांच में पता चला कि गिरफ्तार अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश के निवासी थे, लेकिन फर्जी तरीके से बिहार का आधार कार्ड बनवाकर आरक्षण का लाभ लेते हुए नौकरी पाने की कोशिश कर रहे थे. इस घटना के सामने आने से एक बार फिर से BPSC की शिक्षक भर्ती पर सवाल उठने लगे हैं. इस घटना के संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने बताया कि ये तीनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. 

उन्होंने बताया कि आरोपियों ने यूपी से आकर बिहार के निवासी होने का आधार कार्ड बनवा लिया था और रिजर्वेशन का लाभ उठाकर नौकरी भी हासिल कर ली थी. हालांकि, तीनों की ये कारस्तानी यहां काम नहीं आई. काउंसलिंग में बैठे पदाधिकारियों की नजर से ये लोग बच नहीं पाएं आखिरकार तीनों को दबोच लिया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने चारों फर्जी शिक्षकों के खिलाफ केस भी दर्ज करावाया है. उन्होंने बताया कि जब शिक्षक अभ्यर्थी अखिलेश कुमार का आधार कार्ड जांचा जाने लगा तो शक हुआ. छानबीन करने पर पता चला कि यह मूल रूप से बलिया (यूपी) के चौरा गांव का रहने वाला है.

इसी तरह से फर्जीवाड़े में पकड़ा गया शिवशंकर गोंड मूल रूप से रामकोला, कुशीनगर (यूपी) का रहने वाला है. यूपी के बलिया का निवासी पप्पू कुमार भारती ने भी आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा करके खुद को बिहार का नागरिक बताकर नौकरी हासिल कर ली थी. गाजीपुर के रहने वाले दीपक कुमार ने खुद को बैरिया, गोपालगंज का निवासी बताया था. हालांकि, जांच में सभी पकड़े गए और अब सभी के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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