CM नीतीश के सख्त निर्देश के बाद पुलिस का एक्शन, इस साल 29 इनामी अपराधियों को किया गिरफ्तार

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 बिहार में बीते कुछ दिनों में पुलिस पर हमले की खबरों में अचानक से बढ़ोतरी देखने को मिली. जिससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'सुशासन बाबू' वाली छवि को भी तगड़ा डेंट लगा. हालांकि, मुख्यमंत्री ने समय रहते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की और अपराध पर लगाम लगाने के सख्त निर्देश दिए. मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद पुलिस अपराध के खिलाफ एक्शन मोड में आ चुकी है और जमीन पर भी इसका असर दिखाई देने लगा है. बीते कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में पुलिस ने कई बदमाशों का एनकाउंटर किया है, वहीं दर्जनों को गिरफ्तार भी किया गया है. बिहार पुलिस अब साफ कर चुकी है कि जो कानून तोड़ेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. पिछले तीन महीनों में पटना सहित कई जिलों में मुठभेड़ की चार घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें न केवल अपराधियों की धरपकड़ हुई, बल्कि उनके नेटवर्क को भी ध्वस्त किया गया है.

अररिया, मुंगेर, गया, भोजपुर जैसे जिलों में भी पुलिस की कार्रवाई तेज है. जानकारी के मुताबिक, इस साल जनवरी में एसटीएफ की टीम ने 50-50 हजार के दो कुख्यात अपराधियों को मार गिराया. आठ नक्सलियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इसके अलावा अब तक कुल 227 अपराधियों को पकड़ा गया है, जिसमें 29 इनामी बदमाश भी शामिल हैं. बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा विशेष रूप से गठित एसटीएफ, एसओजी और जिला पुलिस के संयुक्त ऑपरेशनों के जरिए नक्सली और संगठित अपराधियों पर शिकंजा कस दिया गया है. नक्सली गतिविधियां अब केवल खड़गपुर और छक्कबरबंधा के सीमित पहाड़ी क्षेत्रों तक सिमट गई हैं. पुलिस का लक्ष्य है कि इन क्षेत्रों को भी आगामी तीन महीनों में पूरी तरह उग्रवाद मुक्त कर दिया जाए. इसके लिए झारखंड की सीमा से सटे इलाकों में अंतरराज्यीय समन्वय के साथ अभियान तेज किया गया है. 

इसके अलावा, एसटीएफ द्वारा बनाए गए 15 विशेष ऑपरेशन ग्रुप ने संगठित अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रखे हैं. माफिया नेटवर्क, फिरौती गिरोह, हथियार तस्करी और आर्थिक अपराधों के मामलों में सैकड़ों गिरफ्तारियां हुई हैं. राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया डिजिटल अपराध डाटाबेस भी पुलिस की कार्रवाई में मददगार साबित हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, टॉप-10 और टॉप-20 अपराधियों की सूची नियमित रूप से अपडेट की जा रही है. जेल में बंद रहते हुए या राज्य से बाहर रहकर अपराध करने वाले अपराधियों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है. ऐसे अपराधियों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है. यही नहीं, सरकार अब हथियारों की अवैध तस्करी और गोली के क्रय-विक्रय पर विधिसम्मत नियंत्रण लाने के लिए नई नीति लागू करने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्पष्ट संदेश है कि सुशासन के रास्ते में कोई बाधा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी.


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