नाइजर में अपहृत प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए झारखंड सरकार सक्रिय, विदेश मंत्रालय से मांगी मदद

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झारखंड सरकार ने नाइजर में पांच प्रवासी मजदूरों के अपहरण की घटना पर त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय को ईमेल भेजकर मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया है. यह घटना 25 अप्रैल 2025 को हुई, जब हथियारबंद लोगों ने गिरिडीह जिले के दोन्दलो और मुंडरो गांव के पांच मजदूरों का अपहरण कर लिया. ये मजदूर नाइजर में KPTC प्रोजेक्ट के तहत ट्रांसमिशन लाइन के काम में लगे थे.

27 अप्रैल को पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को अपहरण की सूचना दी. अपहृत मजदूरों के नाम और पासपोर्ट विवरण के साथ उनकी सुरक्षित वापसी की मांग की गई. अपहरण के बाद से मजदूरों का कोई पता नहीं चल सका, जिससे उनके परिजनों में चिंता बढ़ गई है. घटना तेलाबारी क्षेत्र में हुई, जो कंपनी साइट से 25-30 किलोमीटर दूर है. इस हमले में 12 लोगों की मृत्यु की भी खबर है, जिसमें स्थानीय और अन्य देशों के मजदूर शामिल थे.

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने तुरंत प्रोजेक्ट हेड और कंट्री मैनेजर से संपर्क कर घटना की जानकारी जुटाई. कक्ष ने 28 अप्रैल को प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट्स, रांची, भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय को ईमेल भेजकर मजदूरों की सुरक्षित रिहाई के लिए कार्रवाई का अनुरोध किया. भारतीय दूतावास ने नाइजीरियाई अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाने की पुष्टि की है.

भारतीय दूतावास और नाइजर में कार्यरत कंपनी इस मामले में सक्रियता से काम कर रहे हैं. दूतावास ने नाइजीरियाई अधिकारियों के साथ मजदूरों की रिहाई के लिए बातचीत शुरू की है. कंपनी और गवर्नर कार्यालय भी इस दिशा में सहयोग कर रहे हैं. झारखंड सरकार ने दूतावास और कंपनी से दोबारा संपर्क कर मामले की प्रगति की जानकारी ली है.

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