आपने एक से बढ़कर एक चोरी और तस्करी की घटना और उसके मास्टर प्लान के बारे में सुना होगा, लेकिन झारखंड के गढ़वा जिले में तो माफिय पहाड़ ही गायब करने की फिराक में थे. जिले के मुख्यालय के उड़सुग्गी गांव में पत्थर माफियाओं की हिमाकत देखने को मिली है. जहां माफियाओं ने पहाड़ गायब करने की कोशिश की. माफियाओं ने यहां अबतक पहाड़ की तलहटी को काटकर गायब किया था. जबकि, अब बारी पहाड़ की थी. यहां माफियाओं द्वारा भारी मात्रा में मिट्टी और पत्थर की अवैध खनन की गई है. इस घटना का पोल इसी जगह हुई एक घटना से खुला. जब चार बच्चों की पानी में डूबने से मौत हो गई. दरअसल, अवैध मिट्टी खनन करने से वहां गड्ढा बन गया था, जिसमें हुई बारिश से पानी जमा हो गया और उसी जमा पानी में नहाने गए 4 बच्चों की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई. जिसके बाद एसडीएम और जिला खनन पदाधिकारी ने स्थल का जांच किया, तब जाकर मामले का खुलासा हुआ.
बता दें कि जिला मुख्यालय में अवैध खनन इस कदर हो रहा है कि माफिया पूरे पहाड़ को ही गायब कर देना चाहते हैं. माफियाओं ने इस क्षेत्र को खनन का अड्डा बना दिया है. इस घटना की पोल तब खुली जब अवैध खनन किए गए गड्ढे में बच्चे जमा पानी में स्नान करने गए हुए थे और डूब गए. इस घटना में 4 बच्चों की मौत हो गई. जब मृतक बच्चों के परिजनों ने इसकी शिकायत की, तब जाकर प्रशासन के कान खड़े हुए और दृश्य देखकर हैरान रह गए, क्योंकि इस क्षेत्र में भारी पैमाने पर खनन हो रखा था. घटना से दो घंटे पहले तक यहां माफियाओं द्वारा खनन किया गया था.
मौके पर एसडीएम, जिला खनन पदाधिकारी, सीओ सहित अन्य अधिकारी पहुंचकर मामले की जांच मे जुट गए. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, क्षेत्र में लंबे समय से भारी पैमाने पर अवैध मिट्टी और पत्थर खनन किया जा रहा था. प्रशासन की आंखों के सामने वर्षों से यह काला कारोबार फल-फूल रहा था, लेकिन कल घटी एक दर्दनाक घटना ने सबकी आंखें खोल दी और आज इस गांव में अब प्रशासन ने कदम रखा है. इस हादसे और लंबे समय से हो रहे खनन को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. उनका कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई की होती, तो आज चार मासूमों की जान नहीं जाती.
घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम और जिला खनन पदाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया. जांच में पाया गया कि क्षेत्र में बिना किसी अनुमति के बड़े स्तर पर मिट्टी और पत्थर की खुदाई की जा रही थी. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्ती दिखाता है और क्या वास्तव में दोषी पत्थर माफियाओं पर कार्रवाई होती है या मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला जाएगा.