बीजेपी नेता चंपई सोरेन ने 24 अगस्त को रांची के नगड़ी गांव में रिम्स 2 के लिए चिन्हित की गई जमीन पर हल चलाने का आह्वान किया है. यह कदम नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति के समर्थन में उठाया जा रहा है, जो किसानों की उपजाऊ जमीन के अधिग्रहण का विरोध कर रही है. चंपई सोरेन ने कहा कि यह लड़ाई जल, जंगल और जमीन को बचाने की एक लंबी ऐतिहासिक लड़ाई का हिस्सा है. उन्होंने बाबा तिलका मांझी के 1763 के साम्राज्यवादी संघर्ष का हवाला देते हुए कहा कि आदिवासी समुदाय हमेशा से अपनी जमीन की रक्षा के लिए लड़ता रहा है.
बिना अधिग्रहण खेती रोकी गई- चंपई सोरेन
झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने कहा कि नगड़ी में किसानों ने पिछले साल तक खेती की थी, लेकिन अब उस जमीन पर तार की बाड़ लगाकर उन्हें जाने से रोक दिया गया है. ग्रामीणों के अनुसार, जमीन का कोई अधिग्रहण नहीं हुआ है और न ही उन्हें कोई नोटिस दिया गया है. बीजेपी नेता ने कहा कि खेती पर निर्भर किसानों को भूमिहीन नहीं किया जा सकता. यह नियम के खिलाफ है. उन्होंने संबंधित विभाग से यह जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की कि कितनी जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन
चंपई सोरेन ने आगे कहा कि इस मामले में 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून और ग्राम सभा के नियमों का पालन नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि नगड़ी की जमीन बहुत उपजाऊ है और साल में तीन फसलें दे सकती है. चंपई सोरेन ने कहा कि जब स्मार्ट सिटी के लिए हजारों एकड़ बंजर जमीन खाली पड़ी है, तो किसानों की उपजाऊ जमीन ही क्यों ली जा रही है?
शिबू सोरेन का जिक्र
बीजेपी नेता चंपई सोरेन ने झारखंड में लगातार बदल रही डेमोग्राफी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि गुरुजी (शिबू सोरेन) ने जिस जंगल-जमीन के लिए लड़ाई लड़ी, आज उसी जमीन पर बिल्डर आ रहे हैं.
विरोध प्रदर्शन की तैयारी में चंपई सोरेन
चंपई सोरेन ने कहा कि 24 अगस्त, 2025 को सैकड़ों की संख्या में हल लेकर किसान और आदिवासी समुदाय के लोग नगड़ी पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि वे रिम्स 2 के निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उनका विरोध केवल किसानों की जमीन को अनुचित तरीके से लेने के खिलाफ है.