पटना पुलिस ने अटल पथ उपद्रव मामले में बड़ा खुलासा किया है. एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस घटना के पीछे वार्ड पार्षद अमर कुमार उर्फ टूटू और श्वेत रंजन नामक वकील का हाथ था. राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से दोनों ने मिलकर यह उपद्रव करवाया. वार्ड पार्षद और वकील के बीच करीब दो लाख रुपये की डील हुई, जिसके तहत बाहर से 8 उपद्रवी बुलाए गए. पुलिस ने अब तक 40 लोगों को गिरफ्तार किया है और 62 अन्य लोगों की पहचान के लिए हिरासत में रखा गया है. एसएसपी ने कहा कि यह उपद्रव पूरी तरह सुनियोजित था और आम लोगों को भड़काकर अंजाम दिया गया.
पाटलिपुत्र थाने के इंद्रपुरी क्षेत्र में 15 अगस्त को मासूम भाई-बहन की रहस्यमयी मौत के दस दिन बाद लोग गुस्साए और सोमवार की शाम अटल पथ पर हंगामा कर दिया. इस दौरान मंत्री और पुलिस की गाड़ियों पर हमला हुआ, कई वाहनों में आग लगाई गई और पुलिस को स्थिति काबू में करने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी. घटना के बाद पुलिस ने कहा कि यह उपद्रव सुनियोजित था.
एसएसपी ने बताया कि वार्ड पार्षद टूटू ने श्वेत रंजन से एक सप्ताह पहले मुलाकात कर योजना बनाई थी. उन्होंने स्थानीय लोगों में अफवाहें फैलाईं और बाहर से आए लोगों ने आगजनी, पथराव और पुलिस पर हमला किया. इस भीड़ में कुछ महिलाएं भी शामिल थीं.
पुलिस का कहना है कि वार्ड पार्षद ने राजनीतिक लाभ के लिए यह उपद्रव करवाया. इसके लिए वकील को पैसे दिए गए. अगर किसी प्रकार का मुआवजा मिलता, तो उसे साझा करने की योजना भी बनाई गई थी. दोनों मुख्य साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है.
एसएसपी ने बताया कि मृत बच्चों के परिजनों को इस साजिश की भनक तक नहीं थी. उन्हें मानसिक रूप से इस्तेमाल किया गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला है. पुलिस मामले की जांच में लगातार जुटी है और सभी साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
