जमशेदपुर में बैठे साइबर अपराधियों ने अमेरिका के 12 नागरिकों को ठगी का शिकार बना लिया. पीड़ितों ने अमेरिकी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला भारत के विदेश मंत्रालय तक पहुंचा. इसके बाद जांच एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इस ठगी में जमशेदपुर के स्थानीय नंबरों का इस्तेमाल हुआ. झारखंड पुलिस और केंद्र की एजेंसियों ने मिलकर कई स्तर पर जांच शुरू कर दी है.
जांच एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया
जमशेदपुर के सिटी एसपी कुमार शिवाशीष ने सभी डीएसपी और थाना प्रभारियों को मामले को लेकर अलर्ट जारी किया. उन्होंने कहा कि अपराधियों का नेटवर्क मुख्य रूप से साकची, मानगो, टेल्को, गोविंदपुर और बारीडीह से संचालित किया जा रहा है. अब तक कई आरोपियों की पहचान की जा चुकी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
कैसे करते थे ठगी?
जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह के सदस्य खुद को टेक्निकल सपोर्ट अधिकारी या कई बार सरकारी अफसर बताकर अमेरिकी नागरिकों से संपर्क करते थे. कंप्यूटर, बैंकिंग या अन्य तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर वे पीड़ितों का विश्वास जीतते और उनके खातों से पैसे निकाल लेते थे. बताया जा रहा है कि गिरोह ने कॉल सेंटर जैसी व्यवस्था बनाई थी, जहां अंग्रेजी बोलने वाले लोग विदेशियों को कॉल कर ठगी करते थे.
पुलिस के अनुसार यह गिरोह केवल अमेरिका के नागरिकों को ही नहीं, बल्कि अन्य देशों के लोगों को भी निशाना बना चुका है. जांच एजेंसियां आरोपियों और उनके सहयोगियों की पहचान करने के लिए लगातार काम कर रही हैं. अधिकारी यह भी बता चुके हैं कि मास्टरमाइंड और उनके सहयोगियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी संबंधित एजेंसियों से सहयोग लिया जा रहा है ताकि इस गिरोह को पूरी तरह पकड़ा जा सके.
