वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने जीएसटी काउंसिल की बैठक को लेकर कहा, 'जीएसटी की नई नीति को लेकर राज्यों को नुकसान होने वाला है, उसकी भारपाई की जाए'. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में गैर बीजेपी शासित राज्य सम्पूर्ण राज्यों की आवाज बनने वाला है. झारखंड मैन्यूफैक्चरिंग राज्य है, पांच वर्षों में जीएसटी की जो राशि झारखंड को मिली है वो पर्याप्त नहीं है अब तक उस राशि से झारखंड की आर्थिक स्थिति को हम मजबूत नहीं कर पाए हैं.
उन्होंने कहा कि जीएसटी की जो नई नीति लागू होगी उससे झारखंड को 2 हजार करोड़ प्रति वर्ष का नुकसान होने वाला है, इसकी भरपाई की मांग झारखंड करेगा. मुआवजे की राशि झारखंड को तबतक मिले, जबतक झारखंड राजस्व के दृष्टिकोण से संबल न हो जाए चाहे 15 साल लगे या 20 साल लगे.
मंत्री सुद्विय सोनू ने कहा कि झारखंड प्रोड्यूसिंग राज्य है और जीएसटी की नीतियों से उत्पादक राज्यों को नुकसान हुआ है, कंज्यूमिंग स्टेट को फायदा हुआ है. शुरुआत में भारत सरकार ने पांच वर्षों तक क्षति पूर्ति देने का प्रस्ताव लिया था. पांच वर्षों की क्षति पूर्ति ना काफी है, प्रोड्यूसिंग स्टेट को जीएसटी से हो रहे नुकसान की भरपाई करनी होगी जो हमारा हक हैं. बैठक में झारखंड अपनी बात को मजबूती और गंभीरता से उठाएगा. केंद्र से अपेक्षा है इस मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगा.
बीजेपी विधायक नबीन जयसवाल ने कहा कि जीएसटी का मामला हो, कोल इंडिया का मामला हो या अन्य पीएसयू का मामला हर मामले में इनको केंद्र के ऊपर दोष मढ़ देना है. राज्य का जो काम करना है उसके लिए तो मुखरता से कभी नहीं बोलते हैं. जीएसटी सिर्फ झारखंड के लिए नहीं पूरे देश के लिए लागू होता है. पीएम मोदी के नेतृत्व ने जो काम हो रहा उससे ज्यादा किसी सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए काम नहीं किया. राजनीति करना है तो उनको तो विरोध में बोलना ही होगा.
