बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे उज्ज्वल सिंह की गिरफ्तारी से सारण की राजनीति में भूचाल आ गया है. अमनौर निवासी उज्ज्वल सिंह को पुलिस ने 10 अक्टूबर दिन शुक्रवार को तब हिरासत में लिया, जब एक पुराने आर्म्स एक्ट और शराबबंदी मामले की जांच में पुलिस ने उन पर ही फर्जी साक्ष्य पेश करने का आरोप लगाया.
राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पर झूठा आरोप
उज्ज्वल सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी ओमप्रकाश सिंह उर्फ बिट्टू सिंह को फंसाने के उद्देश्य से फर्जी साक्ष्य के आधार पर एक झूठा आर्म्स एक्ट और मद्य निषेध का मामला दर्ज कराया था. पुलिस के अनुसार, उज्ज्वल सिंह ने 13 जुलाई 2025 में दर्ज कांड संख्या 212/25 में एक देसी कट्टा और रॉयल स्टैग व्हिस्की की टूटी बोतल बतौर साक्ष्य पुलिस को सौंपते हुए दावा किया था कि ये वस्तुएं ओमप्रकाश सिंह से बरामद हुई थी.
झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रची
पुलिस अधीक्षक ने मामले की समीक्षा करते हुए बताया कि पुराने राजनीतिक विवाद के कारण उज्ज्वल सिंह और उनके सहयोगियों ने न केवल ओमप्रकाश सिंह के साथ मारपीट की, बल्कि बाद में उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रची. यह कृत्य पुलिस को गुमराह करने और एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है.
नई प्राथमिकी और आगे की कार्रवाई
इस खुलासे के बाद उज्ज्वल सिंह उनके सहयोगी उपेंद्र सिंह और रंजीत कुमार सिंह (तीनों गंगापुर निवासी) के खिलाफ पुलिस को झूठी सूचना देकर निर्दोष व्यक्ति को फंसाने की कोशिश के आरोप में अमनौर थाना में एक नई प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने उज्ज्वल सिंह को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अन्य दो आरोपियों की तलाश जारी है.
