रांची के सोनाहातू में वीर नायक बुली महतो की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया गया. इसी कार्यक्रम के दौरान जेएलकेएम समर्थकों और पुलिस के बीच हल्की नोकझोंक भी देखने को मिली. प्रतिमा स्थापना को लेकर दो स्थानीय राजनीतिक समूहों के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी. इसी वजह से प्रशासन पहले से अलर्ट मोड में था और कल बुंडू एसडीपीओ तथा प्रखंड प्रशासन ने वंशजों, जेएलकेएम और जेएमएम के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर शांतिपूर्ण अनावरण का फैसला लिया था.
आज जब कार्यक्रम शुरू हुआ तो स्थिति थोड़ी बदल गई. जेएलकेएम नेता देवेंद्रनाथ महतो के नेतृत्व में बाजार टांड़ से तिरंगा पदयात्रा निकाली गई. जब जुलूस प्रतिमा स्थल से लगभग 100 मीटर दूर पहुंचा तो पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश की, इसी दौरान हल्की नोकझोंक और खींचातानी हो गई. भीड़ बढ़ी और नारेबाजी तेज होने लगी, जिसके बाद समर्थक पुलिस की रोकावट पार करते हुए प्रतिमा स्थल तक पहुंच गए. हालांकि पूरे समय प्रशासन सतर्क रहा और किसी तरह की बड़ी गड़बड़ी नहीं होने दी.
प्रतिमा स्थल पर पहले से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात था. नोकझोंक के बावजूद कार्यक्रम प्रभावित नहीं हुआ और वंशजों, ग्राम प्रधान और पाहन ने परंपरागत विधि से प्रतिमा और शिलापट्ट का अनावरण किया. देवेंद्रनाथ महतो भी वंशजों के साथ पूरी प्रक्रिया में शामिल रहे. 27 नवंबर 1785 को जन्मे वीर बुली महतो को कोल विद्रोह और भूमिज विद्रोह में उनकी बड़ी भूमिका के लिए याद किया जाता है. स्थानीय लोगों में इस कार्यक्रम को लेकर खासा उत्साह था.
अनावरण के बाद शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रम, भूमिज नृत्य और श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किए गए. जेएलकेएम नेता देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि बुली महतो की प्रतिमा स्थापित करना गर्व की बात है, लेकिन कार्यक्रम के दौरान प्रशासन ने मंच और कुर्सी लगाने से रोककर अनावश्यक रुकावट पैदा की. वहीं, वीर बुली महतो के वंशज मोहिनी महतो ने कहा कि उनके पूर्वज देश और समाज के लिए बलिदान दिए थे, इसलिए विरोध के बावजूद वे जुलूस को नहीं रोक सके और प्रतिमा स्थल तक पहुंचकर कार्यक्रम सम्पन्न किया.
