चकाई पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए उस समय बड़ी उपलब्धि हासिल की जब करीब 20 वर्षों से फरार चल रहे कुख्यात नक्सली मोतीलाल किस्कू को गिरफ्तार कर लिया गया. उसे झारखंड–बिहार सीमा पर स्थित देवरी थाना क्षेत्र के एक गांव से सोए अवस्था में पकड़ा गया. हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसकी गिरफ्तारी को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है.
जानकारी के अनुसार मोतीलाल किस्कू चकाई प्रखंड के चिहरा थाना क्षेत्र के हरणी गांव का निवासी है और लंबे समय से माओवादी संगठन में सक्रिय रहा है. पुलिस स्रोत बताते हैं कि चकाई के चहबच्चा गांव निवासी जीव लाल पासवान हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया था. इसके अलावा उस पर कई गंभीर मामले दर्ज हैं. एक समय वह नक्सलियों के कुख्यात नेता चिराग दा के दस्ते में शामिल रहा था और उनके साथ AK-47 लेकर चलता था. पूछताछ में उसने स्वयं भी इन गतिविधियों में शामिल होने की बात स्वीकार की है.
सूत्रों का कहना है कि मोतीलाल को माओवादियों द्वारा पोझा बरमोरिया और बोगी पंचायत के विभिन्न इलाकों में छुपाए गए हथियारों की भी पूरी जानकारी थी. इसी आधार पर गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बरमोरिया–पोझा पंचायत के जंगलों में दिनभर सर्च ऑपरेशन चलाया, हालांकि इसमें कोई हथियार बरामद नहीं हो सका.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक बढ़ती पुलिस दबिश के कारण मोतीलाल पिछले एक सप्ताह से आत्मसमर्पण करने की तैयारी कर रहा था और इस सिलसिले में वह जिले के एक पुलिस पदाधिकारी से संपर्क की कोशिश में भी था. लेकिन इससे पहले ही चकाई पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई में उसे धर दबोचा. उसकी गिरफ्तारी को सुरक्षा एजेंसियां बड़ी सफलता मान रही हैं, जिससे क्षेत्र में नक्सली नेटवर्क पर बड़ा असर पड़ने की उम्मीद है.
