बोकारो में ठेका कर्मी जयंत सिंह की नृशंस हत्या के बाद पूरे शहर में आक्रोश का माहौल बना हुआ है. हत्या की बर्बरता ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है. आरोप है कि हत्या के बाद जयंत सिंह की आंख निकाल ली गई थी और कान भी गायब था, जिससे घटना की क्रूरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. शैक्षणिक राजधानी के नाम से पहचाने जाने वाले बोकारो में इस तरह की वारदात ने न सिर्फ आम लोगों को आहत किया है, बल्कि कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सेक्टर-8 निवासी जयंत सिंह के अपहरण के बाद शव बरामद होने की खबर फैलते ही शहर में आक्रोश फैल गया.
नया मोड़ चौक पर फूटा गुस्सा, सड़क पर उतरे लोग
न्याय की मांग को लेकर आक्रोशित नागरिकों ने नया मोड़ चौक को जाम कर दिया. देखते ही देखते सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए और घंटों तक नारेबाजी करते रहे. प्रदर्शनकारियों की आंखों में गुस्सा और जुबान पर एक ही मांग थी. हत्या के आरोपियों को फांसी दो. नया मोड़ चौक जनआक्रोश का केंद्र बन गया, जिससे इलाके में तनावपूर्ण माहौल कायम हो गया. लोगों का कहना था कि जयंत सिंह की हत्या केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा पर सीधा हमला है.
पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल
इस मामले में पुलिस ने सोमवार को विनोद खोपड़ी सहित छह लोगों को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है. जयंत सिंह का शव गिरिडीह जिले के पीरटांड़ थाना क्षेत्र से बरामद किया गया था. हालांकि गिरफ्तारी के बावजूद प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हत्या सुनियोजित साजिश के तहत की गई है और इसका मुख्य आरोपी विनोद खोपड़ी है, जो बोकारो में भय का प्रतीक बन चुका है. लोगों का कहना है कि केवल गिरफ्तारी से न्याय नहीं मिलेगा, बल्कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
तीन मांगों के साथ आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के सामने तीन स्पष्ट मांगें रखीं—मुख्य आरोपी को फांसी की सजा, सेक्टर-6 स्थित उसके कार्यालय को ध्वस्त करना और जयंत सिंह की पत्नी को उचित मुआवजा देना. आक्रोश के बीच मानवता की मिसाल भी देखने को मिली, जब प्रदर्शनकारियों ने स्कूल बसों और एंबुलेंस को बिना किसी बाधा के गुजरने दिया. लोगों ने साफ कहा कि उनका आंदोलन न्याय के लिए है, न कि आम जनता को परेशान करने के लिए. अब पूरा बोकारो प्रशासन की ओर टकटकी लगाए हुए है कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी या जनआक्रोश और तेज होगा.
