जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत मड़ैया गांव में एक बार फिर पंचायत की तुगलकी सोच सामने आई है. प्रेम-प्रसंग में अंतरजातीय विवाह करने वाले पति-पत्नी को शादी के सात वर्ष बाद गांव से बाहर निकालने का फरमान सुना दिया गया. पीड़ित दंपती ने गांव लौटने पर जान से मारने की धमकी देने और जबरन सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने का गंभीर आरोप लगाया है. मड़ैया गांव निवासी सतीश ठाकुर के बेटे राजीव ठाकुर और गिरीश कुमार मंडल की बेटी रूपा कुमारी ने सात साल पहले प्रेम-प्रसंग में घर से भागकर शादी की थी. उस समय दोनों बालिग थे और कोर्ट ने भी उन्हें साथ रहने की अनुमति दी थी. शादी के बाद दोनों बंगाल में रहकर काम करने लगे और समय-समय पर अपने परिवार से मिलने गांव आते-जाते रहे. दोनों परिवारों को भी इस विवाह पर अब कोई आपत्ति नहीं है.
हाल ही में राजीव ठाकुर की मां का हाथ टूट जाने और धान रोपनी के मौसम को देखते हुए राजीव अपनी पत्नी रूपा कुमारी के साथ बंगाल से मड़ैया गांव आया था. कुछ दिन गांव में रहने के बाद गांव के ही नरेश यादव, करीमन यादव, चनेसर यादव, गुड्डू यादव, सुनील यादव, सौदागर पासवान, मिथिलेश शर्मा, वकील यादव, भोला यादव सहित अन्य लोगों ने राजीव ठाकुर को गांव छोड़ने की धमकी देनी शुरू कर दी. आरोप है कि रात के अंधेरे में पंचायत बुलाई गई, जहां पति-पत्नी को गांव से बाहर जाने और दोबारा कभी गांव न लौटने का फरमान सुना दिया गया. पंचायत में दोनों को जान से मारने की धमकी दी गई और जबरन सादे कागज पर हस्ताक्षर भी कराए गए. ग्रामीणों का कहना था कि सात वर्ष पहले भागकर शादी करने के कारण गांव के अन्य लड़के-लड़कियां भी ऐसा कर रहे हैं.
पीड़ित दंपती ने लक्ष्मीपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से दोनों डरे-सहमे हैं. न्याय की गुहार लगाने के लिए मंगलवार को दोपहर 2 बजे दोनों समाहरणालय पहुंचे, लेकिन एसपी से मुलाकात नहीं हो सकी. इसके बाद वे अपने रिश्तेदार के यहां लौट गए और बुधवार को फिर से एसपी को आवेदन देने की बात कही. राजीव ठाकुर ने पंचायत में मारपीट और मानसिक प्रताड़ना का भी आरोप लगाया है. फिलहाल पति-पत्नी दहशत के साये में जीवन जीने को मजबूर हैं और प्रशासन से सुरक्षा व न्याय की मांग कर रहे हैं. वहीं पीड़ित राजीव ठाकुर और उसकी पत्नी रूपा कुमारी ने कहा कि हम लोग सात साल से शादीशुदा हैं. दोनों परिवारों को कोई आपत्ति नहीं है, फिर भी गांव के कुछ लोग हमें गांव से भगाना चाहते हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. हमें जबरन पंचायत में बैठाकर सादे कागज पर हस्ताक्षर कराया गया. हमें अपनी जान का डर है, प्रशासन से सुरक्षा चाहिए.
