रांची अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी ने
बिचैलियों की हैंकड़ी तोड़दी: अब नहीं
लगती बिचैलिए, दलाल और दस्तावेज नवीसों
की महंगी गाड़ियां कार्यालय प्रांगण में
अवर निबंधक कार्यालय वर्तमान स्थिति
अवर निबंधक कार्यालय कक्ष पूर्व की स्थिति
रांची कार्यालय संवाददाता: रांची अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी की दूसरी पारी की शुरूआत अच्छी नहीं रही, इस बार पुनः एक बार रांची अवर निबंधक पद पर पदस्थापित होने के कुछ हीं दिनों बाद उनका यह कार्यकाल विवादास्पद होते चला आ रहा है, घटना की शुरूआत गंभीर रूप तब ले लिया जब गत 20 अप्रैल 2022 को रांची जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजय कुमार विद्रोही के नेतृत्व में अधिवक्ताओं द्वारा रांची अवर निबंधक कार्यालय में घुसकर घुसखोरी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया, इस घटना के बाद अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी और आरडीबीए महासचिव संजय कुमार विद्रोही के द्वारा दोनों हीं पक्षों ने कोतवाली थाने में एक
दूसर के खिलाफ विरोध दर्ज कराई। इस घटना के बाद रांची अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी ने अपना सख्त आदेश निर्देश जारी किया जिसमें सिर्फ रजिस्टर्ड डीड राईटर्स का हीं रजिस्ट्री कार्यालय में प्रवेश की अनुमति दी तथा अवर निबंधक कार्यालय प्रांगण में दस्तावेज नवीसों बिचैलियों और दलालों के महंगी गाड़ियों का प्रवेश और पार्किंग बंद करवा दिया। जो आज भी लागू है, परन्तु कई बार झारखण्ड दस्तावेज नवीस संघ शाखा रांची के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने जब अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी से रजिस्टर्ड डीड राईटर के अलावे वर्षों से कार्यरत बगैर लाईसेंसी डीड राईटरों के प्रवेश हेतु रोजी - रोटी के लिए अनुन्य विनय किया तब अवर निबंधक कार्यालय में उन्हें प्रवेश की अनुमति पुनः दे दी गई। जबकि अवर निबंधक कार्यालय प्रांगण में दलालों की महंगी गाड़ियों के प्रवेश और पार्किंग आज भी बंद है। अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी द्वारा कार्यालय प्रांगण में गाड़ियों की पार्किंग और प्रवेश निषेध किए जाने की सराहना सभी कर रहे हैं और इससे मनबढू और अपनी हैसियत का रौब दिखलाने वाले कुछ दस्तावेज नवीसों, दलालों और बिचैलियों का मनोबल टूटा है।
दूसरी ओर रांची जिला बार एसोसिएशन के अनुशंसा पर झारखण्ड बार काउंसिल द्वारा एक पत्र जारी करते हुए अधिवक्ताओं से यह कहा गया था कि किसी भी कार्यालय में अगर वकीलों से घूस मांगा जाता है तो वकील इसका विरोध करें और इसकी शिकायत झारखण्ड स्टेट बार काउंसिल से करें। काउंसिल के इस आदेश के बाद अधिवक्ता और पदाधिकारी दोनों हीं सतर्क हो गए हैं।
इसलिए रांची अवर निबंधक कार्यालय में पूर्व की तरह अधिवक्ताओं की भीड़ भी नहीं लगती । जहां तक डीड रजिस्ट्री की बात है तो वह आज भी हो रहा है परन्तु पूरी सतर्कता से सूचना तो यह है कि वैसे हीं डीड रजिस्टर्ड किए जा रहे हैं जो जेनुईन हैं, इस वजह से रांची अवर निबंधक कार्यालय मंे अब खुलेआम वैसी बात नहीं रही कि‘‘ माल फेंको और तमाशा देखो !’’ इधर रांची अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी बड़गाईं की सेना की जमीन से संबंधित मामले के रजिस्ट्री किए जाने और कोर्ट के प्राथमिकी दर्ज किये जाने जैसी आदेश की भी खुब चर्चा है, शायद इससे भी रांची अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी थोड़ा विचलित हो सकते हैं। वहीं डीड राईटर दीपक कुमार साहु का कांके के एक जमीन के मामले में प्राथमिकी और अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी एवं डीड राईटर दीपक कुमार साहु के बीच एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप जैसा विवाद भी चर्चा में है।
ज्ञात हो की डीड राईटर दीपक कुमार साहु और अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी के बीच उत्पन्न विवाद में अंदर से झारखण्ड दस्तावेज नवीस संघ के पदाधिकारी एवं कुछ सदस्य वैभव मणि त्रिपाठी के साथ हैं वहीं दूसरी ओर संघ के लोग डीड राईटर दीपक कुमार साहु के साथ बाहर से दिखलाई पड़ते हैं। परन्तु एक चर्चा और है कि पिछले 10-15 सालों मंे चाहे अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी हों या इनसे पीछे के कई रजिस्टार, इन सबों के चहेते रहे हैं मात्र 2 हीं दस्तावेज नवीस , ये दस्तावेज नवीस इतना चर्चित हैं कि कोई भी काम हो लोग इनसे हीं कराना चाहते हैं क्योंकि उक्त दोनों की सांठ गांठ अवर निबंधकों के साथ इतना गहरा रहा है कि ये कोई भी टेढ़ा से टेढ़ा डीड रजिस्टर्ड करवाने में अब तक कामयाब होते रहे हैं। बतलाया और देखा तो यह भी गया है कि उक्त दोनों दस्तावेज नवीस बेधड़क वर्तमान अवर निबंधक से लेकर पूर्व के अवर निबंधकों के चेम्बर में घुसकर अपने पार्टी का रजिस्ट्री कराते रहे हैं।
दिलचस्प बात तो यह है कि झारखण्ड दस्तावेज नवीस संघ शाखा रांची के कई पदाधिकारी जो पदाधिकारी होने का राॅब हांकते थे, और कार्यालय के बाहर अपनी हैंकड़ी दिखलाते थे उनकी भी वर्तमान के परिस्थति में वर्तमान अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी के सामने उनकी हैंकड़ी एक न चली कई बार वार्ता के लिए वो अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी के चेम्बर में गए तो बड़े तेवर के साथ किन्तु लौटे भिगी बिल्ली की तरह। चर्चा तो यह भी है कि अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी के कोपभाजन बने डीड राईटर युवा दीपक कुमार साहु ने हीं रांची अवर निबंधक कार्यालय के वर्तमान खामियों और समस्याओं पर अपना मुखर आवाज उठाया है, श्री साहु ने हीं कार्यालय में सिर्फ रजिस्टर्ड डीड राईटर के प्रवेश और शेष को वंचित किए जाने पर आवाज उठाया था कि जिन डीड राईटरों के पास लाईसेंस नहीं है और वो पिछले 25-30 सालों से रजिस्ट्री आॅफिस में डीड रजिस्ट्री करवाकर अपने बाल- बच्चों और परिवार का परवरिश कर रहे हैं अगर उन्हें कार्यालय मंे प्रवेश नहीं दिया गया तो वो अपना रोजी रोटी कैसे चलायेंगे, कहा तो यह भी जा रहा है कि संभवतः दीपक कुमार साहु की उक्त बातों का नोटिस वर्तमान अवर निबंधक वैभव मणि त्रिपाठी ने लिया और गैर लाईसेंस धारी डीड राईटरों का प्रवेश वर्तमान परिस्थति में कार्यालय में करने की अनुमति दी।