राँची: स्वर्णरेखा नदी को प्रदूषण मुक्त करने और नागवंशीकालीन शिवलिंग ( इक्कीसो महादेव) को संरक्षित करने के उद्देश्य से स्वर्णरेखा उत्थान समिति के द्वारा आगामी 13 अगस्त, रविवार को स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल, रानीचुंआ से चुटिया स्थित इक्कीसो महादेव तक की पैदल कांवर यात्रा का आयोजन किया गया है। करीब 20 किलामीटर की इस यात्रा में 250 से अधिक महिला और पुरूष कावंरिए रानीचुंआ से जल उठाकर इक्कीसो महादेव के प्राचीन शिवलिंगों में अभिषेक करेंगे।
इस कांवर यात्रा का उद्देश्य लोगों को नदियों और ऐतिहासक धरोहर के प्रति जागरूक करना है। इस यात्रा में कावंरिए पवित्र जल के साथ हाथों में बैनर, पोस्टर और प्ले कार्ड के माध्यम से स्वर्णरेखा को प्रदूषण मुक्त करने की अपील करेंगे।
यात्रा में सम्मिलत होने का कोई शुल्क नहीं
========================
यह कावंर यात्रा पूर्णतः निःशुल्क है, समिति की ओर से प्रत्येक कावंरिए को स्वर्णरेखा और इक्कीसो महादेव के प्रति जागरूकता संदेश वाले टी शर्ट दी जाएगी। उक्त कांवर यात्रा में सम्मिलत होने के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।
चार जगहों में होगा यात्रा का पड़ाव
========================
उक्त कांवर यात्रा के लिए चार स्थानों में विश्रामस्थल बनाए जाएंगे। रानीचुंआ से निकलने के बाद नगड़ी रेलवे क्रॉसिंग के समीप, कटहल मोड़, अरगोड़ा चौक और सिरम टोली में विश्राम स्थल होंगे, जहाँ पीने के पानी, चाय, शौचालय, अल्पाहार और मेडिकल की सुविधा होगी।
कांवर यात्रा के साथ साथ निजी वाहन, बस और एम्बुलेंस की भी व्यवस्था होगी, जो कांवरिए पैदल चलने में असमर्थ होंगे वो वाहनों का उपयोग कर सकेंगे।
इक्कीसो महादेव: एक परिचय
====================
राँची के चुटिया में स्वर्णरेखा नदी और हरमू नदी का संगम होता है। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार 16 वीं शताब्दी में चुटिया नागवंशी राजाओं की राजधानी हुआ करती थी। तत्कालीन राजाओं ने इसी संगम स्थल पर स्थित चट्टानों में 21 अलग अलग प्रकार के शिवलिंग उत्कीर्ण कराए थे। इतिहासकारों के अनुसार इसी संगम के किनारे दुघरवा में राजाओं का महल हुआ करता था। राजघराने के लोग इसी संगम के शिवलिंगों में पूजन कर अपनी दिनचर्या की शुरूआत करते थे। लोग बताते हैं कि इस स्थान पर कालसर्प दोष के निवारण के लिए विशेष पूजा होती थी, लोग काफी दूर दूर से आते थे।
इसी स्थान पर काफी वर्षों से प्रत्येक कार्तिक पूर्णिमा को मेले का आयोजन होता है, जहाँ लोग स्नान और दान करने के लिए आते हैं।
लेकिन हाल के वर्षों में स्वर्णरेखा और हरमू नदी के प्रदूषण के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार कमी आ रही है। हरमू नदी से होते हुए सैकड़ों टन कचरा इस संगम स्थल में आकर मिलता है और स्वर्णरेखा को भी प्रदूषित करता है। नदी का पानी काला और बदबूदार हो चुका है। नदी के प्रदूषण के कारण इक्कीसो महादेव के पत्थरों का भी लगातार क्षरण हो रहा है। अगर समय रहते इसे नहीं बचाया गया तो यह प्राचीन शिवलिंग विलुप्त हो जाएंगे।
इस यात्रा में सम्म्लित होने के लिए निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।
1. सुधीर शर्मा: 7033559577
2. विकास जयसवाल: 9304619908
3. बिप्लव विश्वास: 9162181292
4. दीपेश पाठक: 9031278432
5. पिया बर्मन : 7004456216