भारत में भी एआई तकनीक से होगा मनोरोगियों का इलाज, रांची के इस अस्पताल में बना लैब

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 रांची: CIP Ranchi: भारत में मानसिक चिकित्सा के क्षेत्र में प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट रांची के सीआईपी (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री) में अब मनोरोग का इलाज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से होगा. देश में यह पहला साइकियाट्री इंस्टीट्यूट या हॉस्पिटल है, जहां यह प्रयोग शुरू किया गया है.

यहां बुधवार को सिमुलेशन एंड एआई लैब की शुरुआत की गई. बता दें कि सीआईपी भारत की सबसे पुरानी मानसिक आरोग्यशालाओं में एक है. 17 मई 1918 को स्थापित संस्थान 211 एकड़ में फैला है और यहां हर साल पूरे देश से लगभग एक लाख मरीज पहुंचते हैं. हर महीने यहां एक हजार से 1,200 मरीजों को एडमिट किया जाता है.

सीआईपी के डायरेक्टर डॉ. बासुदेव दास ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से मनोरोग की चिकित्सा में क्रांतिकारी प्रभाव दिख सकते हैं. हम भारत के पहले संस्थान हैं, जहां इसकी शुरुआत हो रही है. इमरजेंसी के समय मनोरोगियों की देखभाल कैसे की जाए, इसके विश्लेषण के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी लैब में है. यह लैब लेटेस्ट इइजी-टीडीसीएस सिस्टम से लैस है. वहीं, सिमुलेशन सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करके क्लीनकल डिसीजन मेकिंग की प्रक्रिया को बेहतर बनाया जायेगा.

सेंटर के प्रभारी डॉ. उमेश ने कहा कि आने वाला समय एआई का है. ऐसे में रोगियों के बेहतर इलाज के लिए बेहतर तकनीक चाहिए. एआई के जरिये जितना अच्छा डाटा सिस्टम में होगा, उतना ही बेहतर इलाज होगा. वहीं इस मौके पर संस्थान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया. डॉ. दिनकर पई ने इस कार्यशाला में मेडिकल सिमुलेशन तकनीक पर विस्तार से जानकारी दी. कार्यक्रम में संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर्स, स्टूडेंट्स और मेडिकल ऑफिसर्स समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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