पेंशन के लिए दर बदर भटक रहा है दिव्यांग, बेतिया प्रशासन नहीं ले रहा सुध

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 Bihar News: बिहार की महगठबंधन सरकार राज्य के समुचित विकास का दावा करती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का दावा है कि प्रदेश के हर नागरिक को उसका अधिकार मिल रहा है. बिना किसी भेदभाव के सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है. हालांकि नीतीश कुमार के अधिकारी इस दावे पर पलीता लगा रहे हैं. बिहार के बेतिया में दिव्यांग पेंशन के लिए एक दृष्टिहीन युवक दर-दर की ठोकरें खा रहा है. लेकिन उसका दुखड़ा सुनने वाला कोई नहीं है. जानकारी के मुताबिक पीड़ित युवक के माता पिता वर्षों से उसके पेंशन के लिए विभागों के चक्कर लगा रहें, लेकिन जिला प्रशासन ने आज तक इस दिव्यांग को पेंशन देना मुनासिब नहीं समझी है. मामला योगापट्टी के पूरब टोला गांव का है. बहादुर शेख का 18 वर्षीय पुत्र सैयब शेख जन्म से अंधा और गूंगा है. उसके पेंशन के लिए उसके पिता ब्लॉक से लेकर जिला तक सालों से दौड़ लगा रहें है, लेकिन इस दृष्टिहीन दिव्यांग को आज तक पेंशन नहीं मिला है.बता दें कि सरकार दिव्यांगों के लिए तरह तरह की योजना चला रही है, लेकिन बेतिया जिला प्रशासन को दृष्टिहीन दिव्यांग नहीं दिखाई दे रहा है. अधिकारियों की लापरवाही से दिव्यांग के परिजन परेशान हैं. परिजन अब सरकार से पेंशन का गुहार लगा रहें हैं. बता दें कि बिहार सरकार ने विकलांग पेंशन योजना बिहार 2023 का नाम बदलकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना 2022 नाम दिया गया है. इस योजना का लाभ केवल 40 % से अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति को ही दिया जाता है. इस योजना के अन्तर्गत पात्र व्यक्ति को 500/- प्रति माह पेंशन राशि दी जाती है.

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