झारखंड की राजधानी रांची के सदर अस्पताल में 19 जून की देर रात मरीजों की सांस उस वक्त अटक गईं, जब करीब 45 मिनट तक अस्पताल में मरीजों को बिना बिजली के रहना पड़ा. इस दौरान रात के करीब 10 बजे से करीब 45 मिनट तक पूरा अस्पताल परिसर अंधेरे में रहा. मरीज परेशान रहे हैं. उनकी हालत खराब हो रही थी. पावर कट ने सभी की जान आफत में डाल दिया था. अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था. जानकारी के मुताबिक, इलेक्ट्रिक पैनल का ड्रम 19 की देर रात अचानक खराब हो गया, जिस वजह से जनरेटर से भी बिजली की सप्लाई नहीं हो पायी. इसके बाद टेक्निशियनों ने जनरेटर डायरेक्ट कर बिजली आपूर्ति कराई, लेकिन बिजली सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों के कमरों तक पहुंचने में 45 मिनट लग गया.इस दौरान सदर अस्पताल में कुल 376 मरीज भर्ती थे. इनमें से आईसीयू में तीस मैरिज पिक में करीब 16 और एनएनसीयू में 10 के करीब मरीज भर्ती थे. मतलब आईसीयू के क्रिटिकल मरीज की सांस अटक गई थी.एक मरीज के परिजन धीरज कुमार ने बताया कि अस्पताल में बिजली कटने से वहां भर्ती मरीज से लेकर मौजूद परिजनों तक सभी परेशान हो गए थे. हर कोई डर के साए में आ गया था. अंधेरा इतना था कि किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए, जिससे इस समस्या से निकला जा सके. हालांकि, करीब एक घंटे बाद बिजली आई फिर सभी के जान में जान आई.