झारखंड में जाति जनगणना पर बीजेपी ने कह दी ऐसी बात, बढ़ गया सियासी टेंपरेचर

News Ranchi Mail
0

                                                                             


 झारखंड में जातीय जनगणना को लेकर अब राज्य सरकार ने रास्ता साफ कर दिया है. कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कार्मिक विभाग को जातीय सर्वेक्षण करने का जिम्मा सौंपा है. मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन की तरफ से जातीय सर्वेक्षण पर लगी मुहर के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गयी है. कांग्रेस, जेएमएम और बीजेपी आमने सामने आ गए है.  भारतीय जनता पार्टी ने जातीय सर्वेक्षण को राजनीतिक स्टंट बताते हुए सामाजिक विद्वेष फैलाने के उद्देश्य से लिए गए फैसले का आरोप लगाया. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जातीय सर्वेक्षण का किसी जाति को कोई लाभ नहीं मिलता, सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है. सीपी सिंह ने राज्य सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि पहले सरकार बताएं कि जातीय सर्वेक्षण से क्या फायदा है और इससे सामाजिक विद्वेष न फैले यह सुनिश्चित करना चाहिए.चंपई कैबिनेट में जातीय सर्वेक्षण पर लिए गए फैसले का स्वागत करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि झामुमो जातीय सर्वेक्षण के हमेशा पक्षधर रही है. हालांकि, यह विषय केंद्र सरकार का है. लेकिन केंद्र सरकार की है धर्मिता की वजह से झारखंड सरकार को अपने खर्चे पर यह सर्वेक्षण करने का फैसला लेना पड़ा है. झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि सर्वेक्षण से योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचने में सहूलियत होगी.चंपई कैबिनेट की तरफ से लिए गए फैसले पर आभार व्यक्त करते हुए कांग्रेस में कहा कि उनके मेनिफेस्टो में भी जातीय जनगणना का जिक्र है, क्योंकि इस सर्वेक्षण के जरिए अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सकता है. अगर बीजेपी को इस पर ऐतराज है तो यह बात तो स्पष्ट है कि उनकी राजनीति ही नकारात्मक होती है. राकेश सिन्हा ने कहा कि जातीय सर्वेक्षण से जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी सुनिश्चित हो पाएगी.

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !