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लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड की सियासत में 'थर्ड एंगल' के रूप में उभरे जेबीकेएसएस (झारखंडी भाषा खतियानी संघर्ष समिति) नामक संगठन ने आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की 55 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. संगठन के प्रमुख जयराम महतो ने मंगलवार को रांची के ऑक्सीजन पार्क में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि झारखंड की तमाम पार्टियों ने युवाओं के रोजगार और शिक्षा से जुड़े मुद्दों को हाशिए पर पहुंचा दिया है. हताश-निराश युवाओं की सुनने वाला कोई नहीं. स्थानीयता के जुड़े सवालों पर भी लगातार वादाखिलाफी हुई है. ऐसे में हमारा संगठन राज्य में 'इलेक्टोरल पॉलिटिक्स' में सार्थक हस्तक्षेप के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमारे संगठन ने आठ सीटों पर उम्मीदवार उतारे और हमें कुल मिलाकर लगभग 8.50 लाख से ज्यादा वोट मिले. छह सीटों पर हम तीसरे नंबर पर रहे. विपरीत हालात के बावजूद हमें लोगों का जिस तरह समर्थन मिला है, उससे हमारा हौसला मजबूत हुआ है.
जयराम महतो ने कहा कि हम विधानसभा का चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ेंगे. हमने राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए चुनाव आयोग के पास आवेदन किया है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही हमें मान्यता मिल जाएगी.
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों से अलग रहकर अपने मुद्दों पर राजनीति करेगी. किसी भी पार्टी में संगठन के विलय का सवाल ही नहीं है.
लोकसभा चुनाव में जयराम महतो गिरिडीह सीट पर 3,47,322 वोट हासिल करके तीसरे स्थान पर रहे. इसी तरह रांची लोकसभा सीट से देवेंद्र नाथ महतो ने 1,32,647 वोट और हजारीबाग सीट पर संजय मेहता ने 1,57,977 वोट हासिल किए. इसके अलावा धनबाद, सिंहभूम और कोडरमा सीट पर संगठन के प्रत्याशियों को एक लाख से कम वोट मिले, लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहे.