सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जैसे ही चुनाव का मौसम आ गया, हमारे हमारी तरफ से जताई गई आशंकाएं भी सच होती दिखने लगीं. मैंने पांच दिन पहले इस विषय पर आपसे बात करने का सुझाव दिया था, जिसमें मैंने यह बताया था कि भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक नेताओं की विफलताओं के कारण एक नई स्थिति उत्पन्न हो रही है. अब हमें यह देखने को मिल रहा है कि बीजेपी की जांच एजेंसियों, जैसे ईडी, आईटी और सीबीआई, के छापे नियमित रूप से मीडिया की सुर्खियों में आ रहे हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ये घटनाक्रम इस ओर इशारा करते हैं कि बीजेपी अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए इन एजेंसियों का उपयोग कर सकती है. हमारे पहले के अनुमान सही साबित हो रहे हैं कि इन जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक टूल किट के रूप में किया जाएगा. हर दिन अखबारों में छापे, जांच और गिरफ्तारी की खबरें आ रही हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि बीजेपी अपनी राजनीतिक रणनीतियों में बदलाव ला रही है.
उन्होंने कहा कि इस स्थिति में हमें सावधान रहना होगा और यह समझना होगा कि यह केवल राजनीतिक प्रतिकूलताओं से बचने का एक तरीका हो सकता है. समय के साथ यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बीजेपी इस स्थिति का किस तरह से सामना करती है और यह राजनीतिक माहौल पर क्या प्रभाव डालता है.
बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच शराब घोटाला मामले में ईडी ने रांची में आईएएस अधिकारी विनय चौबे समेत 17 ठिकानों पर छापेमारी की है. जांच एजेंसी ने मंगलवार को झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह समेत अन्य के करीबी रिश्तेदारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) के ठिकानों पर छापेमारी की है.