बोकारो जिले की बेरमो विधानसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने वाला है. यह सीट शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ मानी जाती रही है और अभी भी इस सीट पर कांग्रेस नेता कुमार जयमंगल सिह उर्फ अनूप सिंह का कब्जा है. इस सीट पर उनके पिता छह बार विधायक रह चुके हैं और उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद कुमार जयमंगल सिंह की स्थिति काफी मजबूत हुई है. यही वजह है कि इंडिया ब्लॉक से कांग्रेस ने इस बार भी अपने सिटिंग विधायक अनूप सिंह पर भरोसा जताया है. वहीं बीजेपी ने लगभग दो दशक बाद अपना प्रत्याशी बदल दिया है. भगवा पार्टी ने इस बार दो टर्म के विधायक रहे योगेश्वर महतो बाटुल का टिकट काटकर गिरिडीह से पांच बार के सांसद रहे रवींद्र कुमार पांडेय को अपना उम्मीदवार बनाया है.
2019 के लोकसभा चुनाव में गिरिडीह सीट आजसू के खाते में चली गई थी, जिससे गिरिडीह के तत्कालीन सांसद रविंद्र कुमार पांडेय को बेटिकट होना पड़ा था. उस समय यह चर्चा थी कि रवींद्र कुमार पांडेय को या तो राज्यसभा का सदस्य बनाया जा सकता है. हालांकि, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था. बीजेपी ने 2019 विधानसभा चुनाव में रवींद्र पांडेय के बेटे विक्रम पांडेय को टुंडी से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी गिरिडीह सीट आजसू के पास चली गई थी. जिसके बाद से रवींद्र कुमार पांडेय के राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चाएं होने लगी थीं. बीजेपी ने उन्हें निराश नहीं करते हुए इस बार बेरमो सीट से मैदान में उतारा है.
2019 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद सिंह ने 46.88% वोट लाकर जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी के योगेश्वर महतो को 25,172 वोट से हराया था. राजेंद्र सिंह के निधन पर 2020 में उपचुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस ने राजेंद्र सिंह के बड़े बेटे कुमार जयमंगल सिह उर्फ अनूप सिंह को मैदान में उतारा था. इस उपचुनाव में कुमार जयमंगल सिह उर्फ अनूप सिंह ने बीजेपी के योगेश्वर महतों को 14,225 मतों से हराया था. इस चुनाव में अनूप सिंह को कुल 50.49% और योगेश्वर महतो तो 42.85% मत पड़े थे. वहीं तीसरे स्थान पर बीएसपी के लाल चंद्र महतो रहे थे.