मोतिहारी के घोड़ासहन में रेल ट्रैक पर कुकर बम रख कर आतंकी साज़िश रचने के मामले में एनआईए के विशेष कोर्ट ने मोतिहारी के छह आरोपियों को सज़ा सुनाया है. गजेन्द्र शर्मा, मोतिलाल पासवान, उमाशंकर पटेल को 12-12 वर्ष जबकि रंजय शाह, मुकेश यादव, राकेश यादव को 9-9 वर्ष की सुनाई कठोर सज़ा गई है. भारत नेपाल सीमा क्षेत्र अंतर्गत झरौखर थाना क्षेत्र का बड़का अठमोहान गांव की सड़कों पर रविवार (06 अक्टूबर) को गांव की सड़कों पर एका दुक्का लोग दिख रहे है. वार्ड नंबर 10 में ISI एजेंट रंजय शाह का मकान है. दरवाजे पर माता पिता दैनिक घरलू कार्य में बिजी है.
रंजय के बारे में जब उसके पिता से पूछा गया कि रंजय साह को 9 वर्ष की सजा मिली है, क्या आपको जानकरी है? जिसपर माता-पिता दोनों ने कहा कि हमलोग तो रंजय के छूटने की आस ही छोड़ दिए हैं. आप लोग के द्वारा बताए जाने पर जानकारी हुआ है कि मेरे बेटा को सजा मिल गई है. हमलोगो को तो इस संबंध में कोई जानकरी भी नही है. बेटे को सजा की जानकारी मिलने के बाद रंजय साह की मां कुंती देवी दहाड़ मारकर रोने लगी. रंजय की मां ने बताया कि 2017 में स्थानीय पुलिस द्वारा मेरे घर से रंजय को पकड़ कर ले जाया गया था.
बाद में मालूम चला कि रेल ट्रैक उड़ाने की साज़िश में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है. रंजय के पिता रामएकबाल शाह बताते है की रंजय कबाड़ी का काम करता था. नेपाल से कबाड़ खरीद कर लाता और इंडिया में बेचता था. प्रतिदिन साईकल से नेपाल से कबाड़ की खरीदारी करता था. लेकिन वह ISI कें सम्पर्क में कैसे आ गया इसकी जानकारी नही है. मुझे अभी भी विश्वास नही हो रहा है कि मेरा बेटा ISI का एजेंट बन सकता है. खैर कोर्ट के निर्णय का हम सम्मान करते है.