झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने इसे 'पंच प्रण' नाम दिया है. इस पंच प्रण में बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने, गोगो दीदी योजना सहित पांच प्रमुख वादे किए हैं. बीजेपी के इस पंच प्रण को लेकर सियासत तेज हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी के पंच प्रण को पंच प्रपंच बताते हुए जनता से झूठा वादा करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि यह प्रण नहीं प्रपंच है और साजिश है. उन्होंने कहा कि ये लोग कुछ भी कर लें, लेकिन राज्य की महिलाओं के दिमाग में मईया सम्मान योजना बस चुका है.
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के तरफ से जारी किए गए घोषणा पत्र 'पंच प्रण' पर झारखंड में सियासत जारी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि घोषणा पत्र के जरिए भारतीय जनता पार्टी जुमला कह रही है. झारखंड में 2100 देने देने की बात करती है, लेकिन ओडिशा में सिर्फ साढ़े 800 रुपए दिए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने झारखंड के बकाए 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये वापस करने की मांग की. आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि यह प्रण नहीं प्रपंच है और साजिश है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि ओडिशा में बीजेपी 850 रुपए दे रही है और यहां 2100 देने की बात कह रही है. उधर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री ने कहा कि यह लोग प्रपंच रचते है अब इन्हें संथाली भाषा याद आ रही है. यह लोग संथाल की जनता को गुमराह करने में लगे हैं. पहले घुसपैठ और अब संथाली भाषा से गुमराह कर रहे हैं. जेएमएम प्रवक्ता ने कहा कि इन लोगों ने बिना किसी तथ्य के आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल में डाला था. राज्य की और संथाल की जनता इन्हें समझ चुकी है और चुनाव में करारा जवाब देगी. उन्होंने कहा कि अगर इन्हें कुछ देना ही था तो झारखंड का बकाया पैसा वापस कर देते.
वहीं बीजेपी प्रवक्ता अविनेष कुमार सिंह ने विरोधियों पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने लोक कल्याण को ध्यान में रखकर हर चीज को अपने संकल्प पत्र में समाहित किया है और पंच प्रण उसी का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि 'गो गो दीदी' योजना को शानदार सफलता मिल रही है और उससे झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार घबरा गई है. जिन्होंने हमारी लाडली दीदी योजना को कॉपी किया तो हमने तो कुछ नहीं कहा. हमने तो वादा किया है कि हम पहली कैबिनेट से ही इस योजना को लागू करेंगे अब पूरे 5 साल देने का काम करेंगे.