झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे का सियासी पारा अपने चरम पर है. आरोप-प्रत्यारोप के दौर में बीजेपी के झारखंड चुनाव सह प्रभारी और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा अगर चाहती तो हेमंत सोरेन के नामांकन को चुनौती दे सकती थी, लेकिन हम चुनाव के माध्यम से उन्हें हराएंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हेमंत सोरेन की कृपा से चुनाव लड़ रहे हैं? असम के सीएम ने खुद इसका जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के प्रस्तावक हमारे पार्टी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में भाजपा अगर चाहती तो हेमंत सोरेन के नामांकन को चुनौती दे सकती थी. लेकिन हम चुनाव के माध्यम से उन्हें हराएंगे. हिमंता बिस्वा सरमा ने ये बातें मंडल मुर्मू को बीजेपी ज्वाइन कराने के बाद कही.
मंडल मुर्मू को पार्टी में शामिल कराके हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि मंडल मुर्मू कोई कैंपेन करने या वोट मांगने के लिए भाजपा में नहीं आए हैं. वह राजनेता भी नहीं हैं. उनके भाजपा में आने का मतलब है कि हमें सिद्धो-कान्हू का आशीर्वाद मिल चुका है. सरमा ने आगे कहा कि संथाल परगना में आदिवासियों के मान-सम्मान की रक्षा को लेकर मंडल मुर्मू से बातचीत कर आगे की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने बताया कि मंडल मुर्मू को बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. मंडल मुर्मू ने कहा था कि वह किसी उम्मीदवार का प्रस्तावक बन गए हैं, तो वो चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन बीजेपी में जरूर शामिल होंगे.
बता दें कि मंडल मुर्मू का बीजेपी में शामिल होना हेमंत सोरेन के लिए बड़ा झटका है. मंडल मुर्मू नामांकन के दौरान सिर्फ हेमंत सोरेन के प्रस्तावक ही नहीं है, बल्कि वो अमर शहीद सिद्धो-कान्हू के वशंज है. पूरे संताल परगना प्रमंडल में अमर शहीद सिद्धो-कान्हू की लोकप्रियता 175 साल बाद भी बरकरार है. वहीं जेएमएम का कहना है कि इससे बरहेट विधानसभा सीट से हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा.