मणिपुर में आदिवासी बेटियों के अत्याचार पर चुप रहने वाले बेटी बचाने की बात कर रहे हैं: हेमंत सोरेन

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 रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से दिए गए ‘रोटी, बेटी, माटी’ के नारे पर पलटवार किया है. बुधवार को कोल्हान प्रमंडल की चक्रधरपुर विधानसभा सीट पर झामुमो के प्रत्याशी सुखराम उरांव के पक्ष में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर से लेकर गुजरात तक बेटियों की लुटती इज्जत पर चुप रहने वाले किस मुंह से यहां बेटी की सुरक्षा की बात कर रहे हैं.

सोरेन ने कहा कि मणिपुर में आदिवासी बेटियों की इज्जत लूटी जाती रही, उन्हें निर्वस्त्र किया जाता रहा, लेकिन पूर्वोत्तर के सात राज्यों की विकास परिषद का चेयरमैन होने के बावजूद असम के सीएम की जुबान नहीं खुली. आज यह व्यक्ति झारखंड में बेटी बचाने की बात करने आए हैं. गुजरात में बिलकिस बानो के बलात्कार के सजायाफ्ता अभियुक्तों को छोड़ने वाले और पंजाब में बलात्कार के आरोपी राम रहीम को चुनाव के दौरान पैरोल पर रिहा करने वाले यही लोग हैं. झारखंड की जनता इन बहुरूपियों को पहचानती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोटी के लिए नारा लगा रहे भाजपा के लोगों से पूछिए कि झारखंड में उनकी पिछली सरकार में कैसे लोग ‘भात-भात’ करते हुए भूख से मर गए थे. इसी तरह ये लोग हमारी-आपकी जमीन और खनिज संपदा लूटकर पूंजीपतियों को सौंपने की साजिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों ने मुझे जेल भेजकर झारखंड मुक्ति मोर्चा को समाप्त करने की कोशिश की, लेकिन चुनाव में जनता इन्हें 2019 की तरह मुंहतोड़ जवाब देगी. ये जीते हुए विधायकों, सांसदों तक को चुरा लेते हैं. कुछ दिन पहले इन्होंने मेरे प्रस्तावक तक को चुरा लिया. पार्टी, संगठन और परिवार तोड़ने वाली यह पार्टी फूट डालो और राज करो की नीति पर चलती है.

अपनी सरकार के कामकाज गिनाते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड पहला राज्य है, जिसने अपने कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की, जबकि भाजपा के लोगों ने तो उनसे उनके बुढ़ापे की लाठी तक छीन ली थी. सोरेन ने कहा कि हमने महिलाओं को सम्मान और स्वावलंबन देने के लिए उन्हें हर महीने एक हजार रुपए की सहायता देने की योजना शुरू की तो ये लोग परेशान हो उठे. चुनाव के बाद दिसंबर से हमारी सरकार महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपए देगी.

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