मोदी सरकार ने झारखंड की ₹1,36,000 करोड़ बकाया को नकारा, अब क्या करेंगे हेमंत सोरेन?

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 झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है. केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार के 1,36,000 करोड़ रुपये बकाया वाले दावे को सिरे से नकार दिया है. इसके बाद राज्य का सियासी तापमान चढ़ने लगा है. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर बीजेपी की सांसदों से अपील की है. उन्होंने लिखा कि झारखंड भाजपा के सांसदों से उम्मीद है कि वे हमारे इस जायज मांग को दिलवाने के लिए अपनी आवाज अवश्य बुलंद करेंगे. झारखंड के विकास के लिए यह राशि नितांत आवश्यक है.

दरअसल, बिहार के सांसद पप्पू यादव ने जब झारखंड के रॉयल्टी का केंद्र सरकार पर बकाया का सवाल उठाया तो केंद्रीय वित्त राजमंत्री ने लिखित जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पास झारखंड का कोई भी बकाया लंबित नहीं है. मामले को लेकर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि बकाया के नाम पर हेमंत सोरेन सरकार राज्य की जनता को भ्रमित कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र को आप बताइए कि आप पर इतना बकाया है और हुआ कैसे केंद्र सरकार जांच करेगी और फिर पैसा देगी. उन्होंने कहा कि केंद्र तो किसी का पैसा रखती नहीं है. सीपी सिंह ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड सरकार ऐसा नहीं करेगी, क्योंकि ये सिर्फ जनता को दिग भ्रमित करना चाहती है ताकि यह विकास कार्य न करें. जैसे पिछले 5 साल को सरकार ने पर किया है. वह इसी तरीके से दोषारोपण कर आने वाले 5 वर्षों को भी बर्बाद करेंगे.

केंद्र सरकार के इस जवाब पर पलटवार करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव और पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार की कथनी पूरी तरीके से जनता जान चुकी है कि वह तथ्य आत्मक बात नहीं करते. हमारे पास सारे बकाए का डीटेल्स ऑन रिकॉर्ड है. वह जब चाहे हम उन्हें डॉक्यूमेंट के आधार पर जानकारी दे सकते हैं. मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार भी यह जान रही है लेकिन थोथी दलील दे रही है कि कोई बकाया नहीं है. मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि न्यायालय ने भी कागजातों को खंगालने के बाद निर्णय लिया था लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से ऐसा जवाब चौंकाने वाला है लेकिन हम राज्य की जनता को आश्वस्त करते हैं कि मुख्यमंत्री संकल्पित हैं कि केंद्र सरकार से अपना बकाया लेकर रहेंगे और इसके लिए कानूनी रास्ते भी एक तैयार किया जा रहे हैं.

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